जीवन तथ्य!
April 27, 2022 ・0 comments ・Topic: Dr_Madhvi_Borse poem
जीवन तथ्य!
बिखरने के बाद भीनिखरना एक अदा है,
बिछड़ने के बाद भी,
हम स्वयं के सदा हैं!
खुशी हो या गम,
जीना हर हाल में है,
होठों पर मुस्कुराहट
और आंखें नम,
यह भी एक कमाल है!
हौसलों के साथ मजबूत बन,
तभी तो मजा है,
शिकायतों के साथ तो,
हसीन जिंदगी भी सजा है!
रुक कर भी तो वक्त जाया होगा,
क्यों ना धीरे धीरे कदम बढ़ाए,
कभी खोया तो कभी पाया होगा,
बुझने से अच्छा दिए जलते जाए!
सपने, उम्मीद, लक्ष्य और जुनून,
जिंदगी को और बेहतरीन बनाएं,
प्रेम, सहानुभूति और सुकून,
के साथ जीवन को जीते जाए!
खिलखिला कर मुस्कुराते रहे,
पुष्प जैसे अपने व्यक्तित्व को महकाए,
सूर्य की तरह जगमगाते रहे,
अपने अनोखे पन से जर्रा जर्रा चमकाए!
डॉ. माध्वी बोरसे!
(स्वरचित व मौलिक रचना)
राजस्थान (रावतभाटा)
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