भारत का लक्ष्य समृद्धि और शांति
भारत का लक्ष्य समृद्धि और शांति
पीएम का तीन दिवसीय यूरोप दौरा मज़बूत रिश्तो, बेहतर कारोबारी संबंध, डिफेंस डील सहित समृद्धि और शांति की गाथा साबित होगी - एड किशन भावनानी
गोंदिया - वैश्विक स्तरपर भारत में हो रही विकास की गाथाओं, गतिविधियों, अद्भुत प्रौद्योगिकी विकास, 75 वें अमृत महोत्सव की गाथा, नई शिक्षा नीति, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमारी विदेश नीति और अभी 2 से 5 मई तक तीन दिवसीय पीएम की महत्वपूर्ण यूरोप यात्रा पर पूरी दुनिया की नजरें लगी हुई है!! जो हर भारतीय के लिए गौरवविंत क्षण है!! आज समय आ गया है कि हम अपने देश को वैश्विक नेतृत्व की पूरी गुणवत्ता से परिपूर्ण देश माने!!
साथियों बात अगर हम हमारे पीएम के तीन दिवसीय यूरोप यात्रा की करें तो इस दौरान कुल 65 घंटों में 25 मीटिंग्स में शामिल होंगे, इस दौरान वह 8 वैश्विक नेताओं से भी मिलेंगे बता दें कि साल 2022 का यह पीएम का पहला विदेश दौरा है, अपने तीन दिन के इस दौरे में वे भारतीय प्रवासियों और व्यापारियों से भी मिलेंगे। हालकिं करीब 6 महीने बाद विदेश दौरे पर गए हैं। आखिरी बार वे पिछले साल 29 अक्टूबर से लेकर 2 नवंबर तक इटली और यूके की यात्रा पर गए थे।
कोरोना काल में उनका ये चौथा विदेश दौरा होगा। 2021 में तीन बार विदेश दौरे पर गए थे, जबकि 2020 में उन्होंने किसी भी देश का दौरा नहीं किया था। उनका यूरोप दौरा बेहद खास है, क्योंकि यूरोप के ज्यादातर देश यूक्रेन के खिलाफ जंग में रूस का विरोध कर रहे हैं। इन देशों ने रूस पर कई प्रतिबंध भी लगाए हैं। दूसरी तरफ भारत ने अबतक न्यूट्रल रुख अपनाया हुआ है। हालांकि, भारत ने रूस और यूक्रेन दोनों के राष्ट्रपति से बात करके इसे बातचीतसे हल करने की गुजारिश जरूर की है।
साथियों बता दें कि विदेश मंत्रालय बतौर से किए गए एक ट्वीट में इस यात्रा को साझेदारी को गहरा करने, रणनीतिक अभिसरण का विस्तार करने और क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर समन्वय बढ़ाने का अवसर बताया गया है। जर्मनी की राजधानी बर्लिन में जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़के साथ छठे भारतजर्मनी इंटर-गवर्नमेंटल कंसल्टेशन (आईजीसी) में भाग लिए, इसके साथ ही पीएम नॉर्डिक देशों के नेताओं के साथ बातचीत करने के लिए मंगलवार को डेनमार्क भी गए।
साथियों बात अगर हम पीएम के जर्मनी में स्वागत की करें तो, पीएम कार्यालय ने बर्लिन के प्रतिष्ठित ब्रैंडेनबर्ग गेट पर भारत के रंग और विविधता प्रदर्शित करती तस्वीर साझा की है। पीएम के पहुंचते ही भारत माता की जय, वंदे मातरम के नारे लगने लगे। पीएम जब भारतीय समुदाय के लोगों के बीच पहुंचे तो वहां भारत माता की जय, वंदे मातरम के नारे लगने लगे। क्या बच्चे क्या महिलाएं सभी पीएम की एक झलक पाने के लिए बेताब दिखे। इस दौरान पीएम भी सभी का अभिवादन स्वीकार किया।
पीएमके होटल एडलॉन केम्पिंस्की पहुंचने पर भारतीय समुदाय के लोगों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने ने भी लोगों का अभिवादन स्वीकार किया उन्होंने कहा कि चुनौतियों के बीच ये दौरा बेहद महत्वपूर्ण है। इस दौरे में उन सभी सहयोगियों से मुलाकात होगी जो भारत की शांति और समृद्धि की लक्ष्य का अहम हिस्सा रहे हैं।
साथियों बात अगर हम पीएम द्वारा बर्लिन जर्मनी में भारतीय समुदाय को संबोधन की करें तो अप्रवासी भारतीयों ने उन्हें सर आंखों पर बिठा दिया! उन्होंने एक विशाल ऑडिटोरियम में अप्रवासी भारतीयों को संबोधन किया परंतु जिन्हें अंदर प्रवेश नहीं मिल पाया ऐसे विशाल मात्रा में लोग बाहर से ही पीएम का अभिनंदन करते हुए टीवी चैनलों पर हमने देखे और पीएम के संबोधन को सुनकर हमें गर्व हुआ कि हम भारतवासी हैं।
उन्होंने कहा संकट लाने वाले संकट की बात करते हैं हम सल्युएशन की बात करते हैं भारत का किसान दुनिया का पेट भरने आज सामने आ रहा है उन्होंने गवर्नेंस टेक्नोलॉजी कोटि-कोटि जन की ड्राइवफॉर, वर्क इन प्रेजेंटेशन सहित भारत की अनेक उपलब्धियां गिनाई।
जर्मनी में दो लाख से ज्यादा भारतीय हैं। उन्होंने कहा कि ये मेरा सौभाग्य है कि मुझे मां भारती की संतानों से आज जर्मनी में आकर मिलने का अवसर मिला है। आप सभी से मिलकर बहुत अच्छा लग रहा है। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी का ये समय, भारत के लिए, हम भारतीयों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। आज का भारत मन बना चुका है, संकल्प लेकर आगे बढ़ रहा है, और आप भी जानते हैं कि जब किसी देश का मन बन जाता है तो वो देश नए रास्तों पर भी चलता है और मनचाही मंजिलों को प्राप्त करके भी दिखाता है।
साथियों बात अगर हम जर्मनी में पीएम के प्रेस वक्तव्य की करें तो पीआईबी के अनुसार उन्होंने कहा हमारी पिछली आईजीसी वर्ष 2019 में हुई थी। तब से विश्व मे महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं। कोविड-19 महामारी ने वैश्विक अर्थव्यवस्था पर विनाशकारी प्रभाव डाला है। हाल की जियोपोलिटिकल घटनाओं ने भी दिखाया कि विश्व की शांति और स्थिरता कितनी नाजुक स्थिति में है, और सभी देश कितने इंटर कनेक्टेड हैं। यूक्रेन के संकट के आरम्भ से ही हमने तुरंत युद्ध -विराम का आह्वान किया, और इस बात पर जोर दिया था कि विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत ही एकमात्र उपाय है। हमारा मानना है कि इस युद्ध में कोई विजयी पार्टी नहीं होगी, सभी को नुकसान होगा। इसीलिए हम शांति के पक्ष में है। यूक्रेन संघर्ष से उत्पन्न उथल-पुथल के कारण तेल की कीमतें आसमान छू रही हैं, विश्व में खाद्यान्न और फ़र्टिलाइज़र की भी कमी हो रही है। इस से विश्व के हर परिवार पर बोझ पड़ा है, किन्तु विकासशील और गरीब देशों पर इसका असर और गंभीर होगा। इस संघर्ष के मानवीयता प्रभाव से भारत बहुत ही चिंतित है। हमने अपनी तरफ से यूक्रेन को मानवीय सहायता भेजी है। हम अन्य मित्र देशों को भी अन्न निर्यात, तेल आपूर्ति और आर्थिक सहायता के माध्यम से मदद करने की कोशिश कर रहे हैं। पोस्ट कोविड काल में भारत अन्य बढ़ी अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले सबसे तेज़ ग्रोथ देख रहा है। हमें विश्वास है कि भारत वैश्विक रिकवरी का महत्वपूर्ण स्तंभ बनेगा। हाल ही में हमने बहुत कम समय में यूएई तथा ऑस्ट्रेलिया के साथ व्यापार समझौतों पर हस्ताक्षर किये। ईयू के साथ भी हम एफटीए वार्ताओं में शीघ्र प्रगति के लिए प्रतिबद्ध हैं। भारत के कुशल कामगारों और प्रोफेशनल्स से कई देशों की अर्थव्यवस्थाओं को लाभ मिला है। मुझे विश्वास है कि भारत और जर्मनी के बीचहो रहे कॉम्प्रिहेंसिव माइग्रेशन एंड मोबिलिटी पार्टनरशिप एग्रीमेंट से दोनों देशों के बीच आवाजाही सुगम बनेगी।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि भारत का लक्ष्य समृद्धि और शांति है। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच शांतिपूर्ण समाधान की उम्मीद लगाए पीएम के यूरोप दौरे पर पूरी दुनिया की नजरें हैं। भारत पर वैश्विक विश्वास बढ़ा। पीएम का तीन दिवसीय यूरोप दौरा मजबूत रिश्ते, बेहतर कारोबारी संबंध, डिफेंस डील सहित समृद्धि और शांति की गाथा साबित होगी।
-संकलनकर्ता लेखक - कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र