घर के बुजुर्ग उपेक्षित क्यों!

 घर के बुजुर्ग उपेक्षित क्यों!

Jayshree birmi

ये घर घर की कहानी हैं जो हरदम हम देख रहें हैं।लेकिन जिम्मेवार कौन,ये प्रश्न हैं तो, हम खुद ही हैं जिम्मेवार आज के इस प्रश्न के।वो कहानी थी न,ससुर को वृद्धाश्रम भेज ने के लिए बहु खुशी खुशी समान बटोर रही थी जैसे बेटी का दहेज, लेकिन जब कंबल हाथ में लिया तो उसे आधा कटा पाया तो वह चिल्लाई कि उस कंबल को किसने काटा था।तो उसी के बेटे ने कबूल किया कि वह काम उसीका था तो पूछा कि क्यों किया था ऐसा गंदा काम तो बेटे का जवाब था,“ मां जब तुम भी बड़ी हो जाओगी तब मुझे कंबल लाना नहीं पड़े इस लिए मैंने आधा काट लिया हैं।“

तब समझो कि दोनों के शरीर से खून ही सुख गया था।सारा सामान बऊजी की अलमारी में रख दिया और वृध्धाश्रम जाने वाली बात को भूल गए सब।बच्चे को ये सिख हम ही देते हैं और जब अपने पर आती हैं तो आंसू गिराते हैं।बचपन से सब अपने माता पिता का आदर करेंगे तो बच्चे भी उनका आदर तो करेंगे ही किंतु जब आप भी वयस्क हो जाओगे तब आपके साथ वे वही व्यवहार करेंगे जो आपने अपनों के साथ किया था।अगर अच्छा किया तो अच्छा ही पाओगे ये बात पक्की हैं। कहतें हैं बेटे ही भेजते हैं अपने मेटा पिता को वृद्धाश्रम लेकिन कभी कोई कंवारे लड़के ने भेजा हैं अपने माता पिता को वृद्धाश्रम नहीं बहुके आने के बाद ही ये शुरू होता हैं।

 सारा दिन काम पर व्यस्त रहने वाले पति को जब शाम घर पर आने पर जिसकी भी शिकायत की जाएं उसी की शामत आ जाती हैं फिर वह माता पिता हो या बच्चें।

सामंजस्य से रहने वाली औरतें दुरंदेश होने की वजह से परिस्थितियों को समझ कर उसका निकाल लाती हैं ।वह लघु दृष्टि की नहीं होती जो क्षणिक लाभ देखें।

 कईं बार माता पिता का जिद्दी स्वभाव भी जिम्मेवार होता हैं।जो नई पीढ़ी के साथ समंज्यस नहीं बना पाने की स्थिति में ऐसे हालात पैदा कर लेते हैं।

 घर के बड़े बूढ़े समझदार हो तो ऐसी स्थिति पैदा नहीं होगी,वैसे ही गृहिणी भी समझदार हो तो सोने में सुहागा मिल जाता हैं।वयस्कों को एक बात भी ध्यान में रखनी चाहिए कि बेटी का अपना घर हैं तो उसे उनके हिसाब से चलने दें फालतू मे ज्ञान न दे कि उसे उस घर में कैसे रहना हैं या फिर अपने घर आई बेटी को मन सम्मान भेंट सौगद सब दे किंतु अपने घर के प्रश्नों से दूर रखें और बहु का सम्मान हनन न होने दें।

जयश्री बिरमी

अहमदाबाद


Next Post Previous Post
No Comment
Add Comment
comment url