खुशनुमा वातावरण बनाएं!

 खुशनुमा वातावरण बनाएं!

डॉ. माध्वी बोरसे!
डॉ. माध्वी बोरसे!
लाए खुशियों की बहार,
चाहे परेशानियां हो हजार,
जिंदगी तो है कुछ पलों की,
लड़े कैसा भी हो प्रहार!

खुशनुमा सा वातावरण बनाएं,
चलो कहीं यात्रा कर आए,
प्रकृति की सुंदरता को छूकर,
कुछ जीवन में परिवर्तन लाएं!

अतीत और भविष्य के बारे में क्यों सोचे,
वर्तमान के पलों का होके,
चलते जाए, खिलखिलाते जाए,
चाहे बड़ी सी बड़ी मुसीबत रोके!

मासूम चेहरे को मुस्कान दे,
हर व्यक्ति को सम्मान दें,
पूरे करें दिल से हम भी,
जो भी हमारे अरमान है!

लाए खुशियों की बहार,
चाहे परेशानियां हो हजार,
जिंदगी तो है कुछ पलों की,
लड़े कैसा भी हो प्रहार!

डॉ. माध्वी बोरसे!
( स्वरचित व मौलिक रचना)
राजस्थान (रावतभाटा)
Next Post Previous Post
No Comment
Add Comment
comment url