हां मैं हूं नारीवादी!

हां मैं हूं नारीवादी!

हां मैं हूं नारीवादी!
नारीवाद के प्रमुख प्रकार,
स्‍त्रियों को पुरुषों के समान अधिकार,
ऐसा विश्‍वास या सिद्घांत,
भेदभाव का हो देहांत,
और ना हो उस पर अत्याचार,
किसी का ना सहे दुर्व्यवहार,
समाज में स्वाभिमान के साथ जीना जाने,
जागरूक हो के अपने अधिकारों को पहचाने,
मिले दोनों को बराबर का अवसर,
महिलाएं भी हो हर तरह से स्वतंत्र,
नहीं हो किसी मौके से वंचित,
नहीं सिर्फ चार दीवारों में सीमित,
यही है नारीवाद की परिभाषा,
इसे सुनकर तुम्हें क्यों होती है निराशा,
अपनी दकियानूसी मानसिकता के साथ,
कहते हो किसी को इस तरह से नारीवाद,
नारीवादी कोई अपशब्द नहीं,
अपभाषा लहजे में बहुतो ने कही,
करो और मत तुम अर्थ का अनर्थ,
पहले सही से समझे नारीवाद का मतलब,
इसमें महिलाओं का पुरुषों पर वर्चस्व नहीं,
बल्कि दोनों में समान अधिकारों की बात है कहीं,
राजनीति व शिक्षा पर हो बराबर का हक,
किसी का नारीवादी होना नहीं है गलत,
नारीवादी पुरुषों से नफरत नहीं करती,
बल्कि उन पर आश्रित ना होकर उनका सहयोग है बनती,
नारीवाद के गलत भावार्थ ना निकाले,
सही से समझकर इसे स्वीकारें,
नायिका बने अपने जीवन की नहीं कोई बेचारी,
छोड़ें रूढ़िवादी परंपराएं जो है तुम पर लादी,
कहे गर्व से सर उठा कर हां मैं हूं नारीवादी,
निडरता से जीने की है मुझको भी आजादी।।

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Dr. madhvi borse
डॉ. माध्वी बोरसे।
(स्वरचित व मौलिक रचना)
राजस्थान (रावतभाटा)

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