बढ़े चलो /badhe chalo

बढ़े चलो 

भारत के स्वतंत्रता संग्राम की समग्र गाथा, गर्व की अभिव्यक्ति कर युवाओं में देशभक्ति की गहरी भावना पैदा करना समय की मांग 

आजादी के अमृत महोत्सव में बढ़ते चलो, धारावाहिक स्वराज, हर घर तिरंगा अभियानों का जबरदस्त उत्साह -पूरी दुनिया की नज़रें भारत के उत्सवों पर लगी - एडवोकेट किशन भावनानी 

गोंदिया - सोने की चिड़िया को सैकड़ों वर्षो के संग्राम के बाद आजाद कराने वाले उन महान वीर सपूतों,प्रख्यात और गुमनाम नायकों को पीढ़ी दर पीढ़ी हमेशा याद रखा जाएगा उनके सम्मान में हम वर्ष भर से आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं जो 15 अगस्त 2022 को पूर्ण होगा परंतु इस दिन के लिए संपूर्ण भारत सहित विदेशों में भी अभूतपूर्व उत्साह हो रहा है इस उत्साह का साक्षी बनने अनेक अनिवासी भारतीयों के भारत आने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। नागरिकों में हर घर तिरंगा और बढ़ते चलो अभियानों से बहुत उत्साह है परंतु विशेष रुप से ध्यान देना होगा कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम की समग्र गाथा, गर्व की अभिव्यक्ति कर युवाओं में देशभक्ति की गहरी भावना पैदा करना समय की मांग है, क्योंकि आज के युवा हमारे देश का भविष्य हैं और बागडोर इन्हीं के हाथों में जाने वाला है इसीलिए भविष्य की रूपरेखा की रणनीतिक परिकल्पना में युवाओं को उत्कृष्टता की नई ऊंचाइयों को छूने के लिए तैयार करने का समय आ गया है। 

साथियों बात अगर हम बढ़े चलो अभियान की करें तो पीआईबी के अनुसार इसकी शुरुआत 5 अगस्त से हो गई। बढ़े चलो 5 से 11 अगस्त, 2022 तक हर दिन 10 शहरों में आयोजित किया जा रहा है। इन कार्यक्रमों का समापन 12 अगस्त, 2022 को नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में एक ग्रैंड फिनाले के साथ होगा। देश भर के युवाओं और लोगों को एक मंच पर जोड़ने और एक मंच पर लाने के लिए, बढ़े चलो की विशेषता फ्लैश डांस हैं, जहां नर्तक विशेष रूप से तैयार किए गए 'युवा गान' पर प्रस्‍‍तुति देंगे। संगीत और पैरों की थाप के साथ बनाए गए गान को विशेष रूप से लिखा गया और 'बढ़े चलो' की विषय वस्‍‍तु पर तैयार किया गया है। यह सभी को आगे आने और अपने घरों में तिरंगा फहराने के लिए प्रोत्साहित करता है। आधुनिक और युवाओं को प्रेरणा देने वाले इस कार्यक्रम की विशेषता पूरे भारत के 75 शहरों में प्रमुख स्थानों पर होने वाला फ्लैश डांस होगा। इन फ्लैश डांस के माध्यम से मंत्रालय का उद्देश्य मनोरंजक और उत्साही तरीके से अमृत महोत्सव के संदेश और भावना लोगों को फैलाना है। साथियों आजादी का अमृत महोत्सव' प्रगतिशील भारत के 75 साल पूरेहोने और इसके लोगों,संस्कृति औरउपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास का स्मरण करने तथा उसका उत्सव मनाने की सरकार की एक पहल है। संस्कृति मंत्रालय भारत में कला और सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने का कार्य करता है और 'आजादी का अमृत महोत्सव' के तत्वावधान में इसने अनेक पहल की हैं। देश के युवाओं से जुड़ने और उनमें देशभक्ति की गहरी भावना पैदा करने के उद्देश्य से, संस्कृति मंत्रालय ने अमृत महोत्सव से अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने के लिए 'बढ़े चलो' नाम से युवाओं पर केन्द्रित प्रेरणात्‍‍मक कार्यक्रम करने का निर्णय लिया है। इस कार्यक्रम को देश के युवाओं को आगे आने और हमारे लोकतंत्र की सच्ची भावना को आत्मसात करने तथा भारत की आजादी के 75 साल पूरे जोश के साथ मनाने के लिए उन्‍‍हें प्रोत्साहित करने के उद्देश्‍‍य से तैयार किया गया है। 

साथियों इस जन आंदोलन या जनभागीदारी पहल के माध्यम से संस्कृति मंत्रालय भी 'हर घर तिरंगा' आंदोलन को बढ़ावा देने और समर्थन करने का इरादा रखता है। इस आंदोलन की शुरुआत माननीय पीएम और गृह मंत्री द्वारा की गई है तथा यह हर भारतीय का आह्वान करता है कि वे 13-15 अगस्त, 2022 के बीच अपने घरों में तिरंगा फहराएं। बड़े चलो निश्चित रूप से एक ओर सभी में देशभक्ति की आग को फिर से जगाने के लिए, हमें अपने घरों में तिरंगा फहराने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, हमारे दिलों में राष्ट्रीय गौरव और हमारे सिर ऊंचे हैं। 

साथियों बात अगर हम धारावाहिक स्वराज की करें तो पीआईबी के अनुसार,धारावाहिक ‘स्वराज- भारत के स्वतंत्रता संग्राम की समग्र गाथा’ का शुभारंभ किया गया है।स्वराज’ के बारे में - स्वतंत्रता संग्राम की समग्र गाथा, जो स्वराज एक 75 एपिसोड्स का धारावाहिक है जिसे 4के/एचडी गुणवत्ता में बनाया गया है और 14 अगस्त से हर रविवार, रात 9 से 10 बजे ये दूरदर्शन पर प्रसारित होगा। इसे अंग्रेजी के साथ नौ क्षेत्रीय भाषाओं में डब किया जा रहा है। ये धारावाहिक तमिल, तेलुगू, कन्नड़, मलयालम, मराठी, गुजराती, उड़िया, बंगाली और असमिया क्षेत्रीय भाषाओं में 20 अगस्त से प्रसारित होगा। 1498 में वास्को-डी-गामा के भारत आने से शुरू होकर ये सीरियल इस धरती के वीरों की एक समृद्ध गाथा प्रस्तुत करेगा। इसमें रानी अब्बक्का, बख्शी जगबंधु, तिरोट सिंग, सिद्धू मुर्मू और कान्हू मुर्मू, शिवप्पा नायक, कान्होजी आंग्रे, रानी गाइदिन्ल्यू, तिलका मांझी जैसे कई गुमनाम नायक नायिकाओं से लेकर रानी लक्ष्मीबाई, महाराज शिवाजी, तात्या टोपे, मैडम भीकाजी कामा जैसे मशहूर स्वतंत्रता सेनानी शामिल हैं। 

साथियों बात अगर हम कार्यक्रम स्वराज में केंद्रीय मंत्रियों के संबोधन की करें तो उन्होंने इस अवसर पर कहा कि दूरदर्शन और आकाशवाणी ने 550 से भी अधिक स्वतंत्रता सेनानियों के अदम्‍य साहस की गाथाओं को पुन: जीवंत करने और इन गुमनाम नायकों से युवा पीढ़ी को परिचित कराने का अत्‍यंत सराहनीय कार्य किया है। केन्द्रीय गृह मंत्री ने आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के अर्थ की व्याख्या की और कहा कि यह सिर्फ हमारे स्वतंत्रता संग्राम का उत्सव नहीं है, बल्कि आजादी के बाद से पिछले पचहत्तर वर्षों की उपलब्धियों, हमारे स्वतंत्रता संग्राम के प्रख्यात एवं गुमनाम नायकों के बलिदान को याद करने का उत्सव भी है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा मौका भी है जब हम भारत के भविष्य की रूपरेखा की कल्पना कर रहे हैं और भारत यहां से बस उत्कृष्टता की नई ऊंचाइयों को छूने जा रहा है।

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि बढ़े चलो यह भारत के स्वतंत्रता संग्राम की समग्र गाथा, गर्व की अभिव्यक्ति कर युवाओं में देशभक्ति की गहरी भावना पैदा करना समय की मांग है आजादी के अमृत महोत्सव में बढ़ते चलो, धारावाहिक स्वराज्य,हर घर तिरंगा अभियानों का जबरदस्त उत्साह है पूरी दुनिया की नजरें भारत के उत्सवों पर लगी हैजो देश के हर नागरिक के लिए गर्व और प्रतिष्ठा की बात है। 

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एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र

-संकलनकर्ता लेखक - कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र

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