हजार है!/hazar hai
हजार है!
मोहब्बत की तलाश है,
गम देने वाले हजार है!
सच्चाई की तलाश है,
झूठ बोलने वाले हजार है!
अपनाने वालों की तलाश है,
अपेक्षा करने वाले हजार है!
ईमानदारी की तलाश है,
बेईमानी करने वाले हजार है!
प्रोत्साहन की तलाश है,
आलोचना करने वाले हजार है!
आखिरी दम तक साथ देने वाले की तलाश है,
अर्थी पर कंधा देने वाले हजार है!
आशा से भरा संसार है,
निराशा देने वाले भी हजार है,
पर हम नहीं कभी भी लाचार है,
खुदा ने दिया हमें काबिलियत का भंडार है,
क्यों ना स्वयं में यह सब तलाश करें,
बाहर तलाश करने वाले तो हजार है!!
डॉ. माध्वी बोरसे!
(स्वरचित व मौलिक रचना)
राजस्थान (रावतभाटा)