हौसलों की उड़ान। (Poem)

हौसलों की उड़ान।

हौसलों की उड़ान। (Poem)

चलो भरे हौसले की उड़ान,
पार करें हर इम्तिहान,
खुद से वादा करके
करें स्वयं की बात का सम्मान।

हमारा है यह प्यारा सा जहान,
थम जाएगा यह भी एक तूफान,
कोशिश करके तो देखें,
हमारी जमी हमारा आसमान।

दो कदम में क्यों हुई हमें थकान,
जब छोड़ने हैं हमारे अनोखेपन के निशान,
अपने अंदर के वह हुनर को दिखाएं,
यह दुनिया भी देखकर हो जाए हैरान।

पूरे होंगे हमारे सारे अरमान,
भरेंगे हम स्वयं में आत्मविश्वास और स्वाभिमान,
हर नेक चीज में बेहतरीन बनने की कोशिश हो,
लेते जाए संपूर्ण शिष्टाचार और ज्ञान।

चलो भरे हौसले की उड़ान,
पार करें हर इम्तिहान,
खुद से वादा करके
करें स्वयं की बात का सम्मान।

About author 

Dr Madhvi Borse

डॉ. माध्वी बोरसे।
(स्वरचित व मौलिक रचना)
राजस्थान (रावतभाटा)
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