एक-नेक हरियाणवी!!/ek nek Hariyanvi

एक-नेक हरियाणवी!!

धर्म-कर्म का पालना, गीता का उपदेश !
सच में हरि का वास है, हरियाणा परदेश !!

अमन-चैन की ये धरा, है वेदों का ज्ञान !
भूमि है ये वीर की, रखें देश की आन !!

हट्टे-कट्टे लोग हैं, अलग-अलग है भेष,
पर हरियाणा एक है, न कोई राग द्वेष !!

कुरुक्षेत्र की ये धरा, करें कर्म निर्वाह !
पानीपत मैदान है, ऐतिहासिक गवाह !!

चप्पे-चप्पे है यहाँ, बलिदानी उपदेश,
आंदोलन का गढ़ यही, जिससे भारत देश !!

मर्द युद्धों को पलटते, पदक जीतती बीर !
एक-नेक हरियाणवी, सिखलाते हैं धीर !!

मेल-जोल त्योहार में, गीतों का परिवेश,
मानवता का पालना, गाये प्रेम सन्देश !!
 
माथे इसके सरस्वती, कहते वेद विशेष !
सच में हरि का वास है, हरियाणा परदेश !!

About author

Satyawan saurabh
 
- डॉo सत्यवान 'सौरभ'
कवि,स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार, आकाशवाणी एवं टीवी पेनालिस्ट,

333, परी वाटिका, कौशल्या भवन, बड़वा (सिवानी) भिवानी, हरियाणा – 127045
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