आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में, सरकार ने स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम जनजातीय नायकों को याद करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें 15 नवंबर (जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की जयंती) को 'जनजातीय गौरव दिवस' के रूप में घोषित करना, समाज में जनजातीय लोगों के योगदान को मान्यता देने और स्वतंत्रता संग्राम में उनके बलिदान के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए देश भर में जनजातीय संग्रहालयों की स्थापना करना आदि शामिल हैं। इस दिशा में एक और कदम उठाते हुए, प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम जनजातीय नायकों और शहीदों के बलिदान के लिए उन्हें नमन करने के लिए 1 नवंबर 2022 को राजस्थान के बांसवाड़ा स्थित मानगढ़ हिल में एक सार्वजनिक कार्यक्रम- 'मानगढ़ धाम की गौरव गाथा’ में भाग लिया। इसपर आधारित यह मेरी स्वयंरचित कविता जनजातीय गौरवगाथा दिवस के उपलक्ष में है।
कविता-मानगढ़ धाम की गौरव गाथा
पीएम ने मानगढ़ धाम की गौरव गाथा में
हिस्सा लिया है।15 नवंबर को अलख जगाया जाएगा
जनजातीय गौरव दिवस मनाया जाएगा
देशभर में साथ देने का संकल्प किया जाएगा
जनजातीय समुदायों की संस्कृति व विरासत को
संरक्षित उपलब्धियों को प्रदर्शित किया जा रहा हैं
जनजातीय गौरव दिवस को प्रतिवर्ष मनाने का
संकल्प देशवासियों द्वारा लिया जा रहा हैं
जनजातीय समुदाय की प्राकृतिक कौशलता
को देख बड़े बड़े ज्ञानी हैरान हर्षित हुए
जनजातीय शिल्प मेला प्रदर्शन
सह-बिक्री का आयोजन किया जाएगा
सत्रह राज्यों में यह मेला मनाया जाता रहा है
भारत में जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा
दिए गए योगदान को याद किया जा रहा हैं
समूह की उपलब्धियों का गुणगान किया जा रहा है
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-संकलनकर्ता लेखक - कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र