विश्वास जो टूटे | vishwas jo toote

December 14, 2022 ・0 comments

विश्वास जो टूटे | vishwas jo toote

जब कभी रिशतों के दरमियान
विश्वास टूट जाता है
वो रिश्ता , रिश्ता नहीं सिर्फ
मजबूरी ही कहलाता है।।

तमाम कोशिशें करली कि
कभी वक्त सब बदल देगा
वक्त तो वक्त दे राज़ी था पर
इंसा ना सुधर पाता है।।

क्या हासिल कर लिया तुमने ?
रिश्तों को तोड़ जो पाना चाहते
रिश्तों को तोड़ , दर्द में छोड़
इंसा क्या मुस्कुरा पाता है।।

वक्त दर वक्त तो उम्र एक दिन
सबकी ढ़ल जानी है
क्या उम्र के उस पढ़ाव में अपनों
के साथ की उम्मीद ना चाहता है।।

तोड़ वीणा के तारों के बंधनों को
कब तक खुश कोई रह लेगा
खुशी के बंधन तेरे टूटें ये शब्द
सजा दुआ मांगना आता है।।

About author 

Veena advani
वीना आडवाणी तन्वी
नागपुर , महाराष्ट्र
दर्द - ए शायरा

Tags: poem on believe,  विश्वास पर कविता,  vishwas par kavita

Post a Comment

boltizindagi@gmail.com

If you can't commemt, try using Chrome instead.