ऐसा बिल्कुल पता न था | aisa bilkul pta na tha
February 17, 2023 ・0 comments ・Topic: kishan bhavnani poem
भावनानी के भाव
ऐसा बिल्कुल पता न था
ऐसा जोरदार विकास होगाबिल्कुल भी पता न था
व्यक्तिगत विकास के लिए हो जाऊंगा
मैं मोहताज़ ऐसा बिल्कुल पता न था
विकास के नाम से सुना था
पर उसका भी दामन खाली है
किसे सुनाऊं अपनी व्यथा
जीवन अब बदहाली है
वित्तीय सहायता का
मन स्वाली है
कोई दे नहीं रहा हैं
क्योंकि सभका दामन खाली है
किसे सुनाऊं अपनी व्यथा
वित्तीय रूप से बिफोर कोरोना
मैं बहुत सुदृढ़ था
यूं खाली हो जाऊंगा पता न था
दुकान में ग्राहक नहीं है
ग्राहक के पास पैसा नहीं है
सभका पैसा ऐसा चला जाएगा
ऐसा बिल्कुल पता न था
सुनते हैं मीडिया से हमारा राष्ट्र
कर रहा है आज बहुत विकास
डिजिटल के बहुत आयाम
हो रहे हैं ख़ास
कैसे सुनाऊं अपनी व्यथा
बैंक अकाउंट खाली है
ज़मा पूंजी पूरी उठाली है
हालात ख़स्ता दामन खाली है
About author
कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
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