कविता –यादो का दुशाला | yadon ka dushala

कविता -यादो का दुशाला

कविता –यादो का दुशाला | yadon ka dushala
अद्भुत और अनोखा है ..
तुम्हारी यादों का दुशाला,
हमेशा टंगा रहता है कांधे पर,
ठंड लगती है तो ..
आकर इर्द-गिर्द लिपट जाता ,
गुनगुनी गर्माहट लिए हुए,

धूप लगती है तो
घना पेड़ बन कर ,
अपनी छाया में समो लेता है,
जहां मैं दो घड़ी आराम कर सकूं ,

बारिश होने पर सिर पर
छतरी बनकर भिगोने से ,
हर बार बचा लेता है और
अपने साए में रख लेता है ,

हर बार रूप बदल कर
मेरे साथ चलता है...
मेरे ही कांधे पर टंगा हुआ
भारहीन तुम्हारी यादों का दुशाला,

About author 

Rekha shah
रेखा शाह आरबी
बलिया (यूपी )
पता..
भीमसेन, गिरजा इलेक्ट्रॉनिस काशीपुर ,
जिला - पोस्ट -बलिया
(उत्तर प्रदेश)
पिन नंबर 277001

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