मौत का मुल्यांकन | maut ka mulyankan
March 22, 2023 ・0 comments ・Topic: kishan bhavnani poem
भावनानी के भाव
मौत का मुल्यांकन
मैंने भी सोचा हम तो यूं ही जिंदगी
जिए जा रहे हैं बेकार
मौत ज़िन्दगी से हसीन होती है
सहानुभूति साथ सम्मान तारीफ़ की जा रही है
आज एक गरीब की मौत से पता चला
मौत कितनी हसीन होती है
जिससे बारे में बात करना पसंद नहीं था
लोग उसकी तारीफ़ कर रहे थे
कभी दो मिनट उसके पास कोई बैठा ना था
आज लोगों का हुजूम पास बैठा था
किसी ने कभी उसको कोई तोहफा दिया ना था
आज फूल ही फूल दिए जा रहे थे
उसके साथ कोई दो कदम कभी चला ना था
आज काफिला बन चल रहे थे
वह तरस गया था सबके साथ के लिए
आज लोग उसे कंधे पर बिठा ले जा रहे थे
About author
कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
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