माफियागिरी @ एनकाउंटर
माफियागिरी @ एनकाउंटर
अपराधियों में डर का माहौल, सुरक्षा एजेंसियों के लिए संजीवनी बूटीमाफियाओं के खिलाफ सख़्त कार्रवाई से देश में भयमुक्त माहौल बनानें और आपराधिक ग्राफ को ज़ीरो टॉलरेंस करने में मदद मिलेगी - एडवोकेट किशन भावनानीगोंदिया - वैश्विक स्तरपर आतंकवाद गुंडागर्दी माफियागिरी सहित आपराधिक गतिविधियों से हर देश परेशान है और अपने अपने स्तरपर नीतियां रणनीतियां बनाकर उनका मुकाबला कर रहे हैं। इन उपरोक्त अपराधियों की अंतरराष्ट्रीय स्तरपर चैनल बनी रहने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता तथा उन्हें सुख सुविधाएं वित्तपोषण पैसों की फंडिंग सहित हथियारों ख़तरनाक वस्तुओं की आपूर्ति की चैनल से भी इनकार नहीं किया जा सकता जिसे चाकचौबंद तरीके से अंजाम दिया जाता है, इसीलिए ही 1923 में अंतरराष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन याने इंटरपोल की स्थापना की गई थी जिसमें आज 195 देश सदस्य हैं जो दुनिया के मोस्ट वांटेड अपराधियों के खिलाफ सात प्रकार के नोटिस जारी कर सकते हैं। प्रतिवर्ष यह विभिन्न मुद्दों पर सम्मेलन आयोजित करता है जिसमें सभी देशों के प्रतिनिधि भाग लेते हैं इसी क्रम में, पिछली बार 1997 में हुई इंटरपोल की महासभा इस वर्ष 25 वर्षों के बाद 18 से 21 अक्टूबर 2022 तक यह इंटरपोल की 90 वीं महासभा नई दिल्ली भारत में आयोजित की गई थी, जिसमें सभी दिग्गज देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए थे। हमारे माननीय पीएम महोदय ने 18 अक्टूबर 2022 को महासभा को संबोधित किया था और 21 अक्टूबर 2022 को माननीय केंद्रीय गृहमंत्री समापन समारोह को संबोधित किया था। भारत में कुछ वर्षों से माफियागिरी और एनकाउंटर बहुत चर्चा में है। चूंकि दिनांक 13 अप्रैल 2023 को यूपी के एक बड़े माफिया के बेटे का एनकाउंटर हुआ इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यमसे चर्चा करेंगे,माफियागिरी एट द रेट ऑफ इनकाउंटर, अपराधियों में डर का माहौल सुरक्षा एजेंसियों के लिए संजीवनी बूटी।
साथियों बात अगर हम भारत की करें तो यहां दशकों से आपराधिक गतिविधियां तो है ही परंतु, उसका रूपांतरण कुछ वर्षों से माफियागिरी के रूप में हो चला था और जन सामान्य से ही हफ्ताखोरी, जमीन कब्जे रूपी गतिविधियों में धन संपन्न होने के बाद माफियागिरी राजनीति गतिविधियों तक पहुंची और फिर स्थानीय निकायों से लेकर विधानसभा राज्यसभा और लोकसभा तक अपनी पैंठ के साथ पहुंचे और फिर सदस्यता तक मिल गई, जिसकी जिम्मेदारी जनता के साथ-साथ राजनीतिक पार्टियों, दलों की भी है जिन्होंने उन्हें लोकतंत्र के इन मंदिरों तक पहुंचाया, लोकसभा में जनता ने तो राज्यसभा में दलों ने, जिससे उनका रुतबा बढ़ गया। परंतु बड़े बुजुर्गों का कहना है अति का अंत निश्चित है, इसलिए उस अति रूपी माफिया को किसी का डर चाहिए होता है। मेरा मानना है कि उसकी शुरुआत यूपी से हुई जब वहां एनकाउंटर, बुलडोजर नीति और अब माफियाओं को मिट्टी में मिला देंगे का संकल्प से माफियाओं, अपराधियों में डर का माहौल है जो अपराध को जीरो टॉलरेंस बनाने के लिए सुरक्षा एजेंसियों के लिए संजीवनी बूटी का काम करता है, जिसका अंजाम कुछ राज्यों में कुछ वर्षों से हम देख रहे हैं कि इनकाउंटर के डर से माफिया और अपराधी अपने को जेल में सुरक्षित महसूस कर रहे हैं, बुलडोजर के डर से आपराधिक गतिविधियां छोड़ रहे हैं। इसलिए अपराधियों में डर का माहौल अपराध मुक्त भारत की नीव का मुख्य पहिया बन गया है।
साथियों बात अगर हम दिनांक 13 अप्रैल 2023 को एक माफिया के बेटे के एनकाउंटर की करें तो, आज दिन भर हर मीडिया प्लेटफॉर्म पर इसकी खबर छाई रही किसी ने सराहना की तो किसी ने आलोचना की, परंतु पिछला रिकॉर्ड देखें तो कुछ इनकाउंटर पर प्रश्नचिन्ह भी लगे हैं। एक एनकाउंटर जिसमें चार आरोपी मारे गए और उसमें उन्हें फेक बताया गया। पोलिस आरोपियों पर हत्या का मुकदमा भी दायर हुआ था। परंतु आज के एनकाउंटर में केंद्रीय मंत्री सेवानिवृत्त जनरल ने, यूपी के सीएम की पहले की माफियाओं को मिट्टी में मिला देंगे टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कानून व्यवस्था सीएम की प्राथमिकता है। वह यही रास्ता अपना रहा है। इससे ज्यादा हमें देखना या बोलना नहीं चाहिए। तरह-तरह की शब्दावली चलती है, राजनीति में तरह-तरह के शब्दों का इस्तेमाल होता है। लेकिन मुख्य बात कानून और व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि अगर कोई भागता है और कानून से भागने की कोशिश करता है तो कार्रवाई की जाएगी। अगर झांसी में कार्रवाई हुई तो मैं पुलिस को बधाई देना चाहता हूं। अगर जिन लोगों के खिलाफ़ मामले दर्ज किए गए थे, जो लोग कानून से भागने की कोशिश कर रहे थे और कार्रवाई में लिप्त थे, जिसके कारण पुलिस फायरिंग हुई और उस दौरान उनकी मृत्यु हो गई, तो ऐसा पुलिस कार्रवाई में होता है। माननीय यूपी सीएम महोदय ने कहा, फरार चल रहे आरोपी को मार गिराने पर एसटीएफ की टीम को बधाई दी है, यूपी के माफियाओं को पाताल से भी खोजकर निकाला जाएगा । सीएम के बयान को गृह विभाग ने ट्वीट करके कहा कि प्रदेश में कानून का राज है।अपराधी और माफिया अब बख्शे नहीं जाएंगे। माननीय डेप्युटी सीएम यूपी ने कहा नए भारत के निर्माण की तैयारी है इस समाज में ऐसे अपराध की कोई जगह नहीं है। एसटीएफ टीम को बधाई देता हूं। जो अपराध करेगा वो बचेगा नहीं, उसे फांसी होगी और अगर पुलिस से भिड़ेगा तो पुलिस को जवाबी कार्रवाई करनी होगी। उन्होंने कहा कि यह बहुत ऐतिहासिक कार्रवाई है और बहुत बड़ा संदेश है कि अपराधियों का युग समाप्त हो गया है। स्पेशल डीजी, लॉ एंड ऑर्ड ने बताया कि आज 12:30 से 1 बजे के बीच में एक सूचना के आधार पर कुछ लोगों को रोका गया तो दोनों तरफ से गोलियां चलीं। इस मुठभेड़ में 24 फरवरी को एक व्यक्ति की हत्या करने वाले दो लोग घायल हुए और बाद में इनकी मृ्त्यु हो गई।अभियुक्तों के पास से अत्याधुनिक विदेशी हथियार, बुलडॉग आदि बरामद हुए हैं। उन्होंने बताया कि हमारे पास जानकारी थी कि आज पेशी पर आए दो आरोपीयों को भागने में मदद करने के लिए मामले में उन्हें वापस यूपी ला रहे पुलिस के काफिले पर हमला हो सकता है। इस सूचना के मद्देनजर पुलिस और विशेष बलों की टीमों को तैनात किया गया। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि माफिया के खिलाफ सरकार ने जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। इस नीति का परिणाम आज सबके सामने है। अभियुक्तों के पास से अत्याधुनिक विदेशी हथियार, बुलडॉग आदि बरामद हुए हैं। माननीय पूर्व सीएम नें आलोचनात्मक रूप से उठाया था सवाल।वहीं, इससे पहले उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि, ‘झूठे एनकाउंटर करके सरकार सच्चे मुद्दों से ध्यान भटकाना चाह रही है। वो न्यायालय में विश्वास ही नहीं करते हैं। आज के व हालिया एनकाउंटरों की भी गहन जाच-पड़ताल हो व दोषियों को छोड़ा न जाए। सही-गलत के फ़ैसलों का अधिकार सत्ता का नहीं होता है। वे भाईचारे के ख़िलाफ़ है।माननीय पूर्व लेडी सीएम ने आलोचनात्मक रूप से कहा माफिया के बेटे और एक अन्य की आज पुलिस मुठभेड़ में हुई हत्या पर अनेकों प्रकार की चर्चायें गर्म हैं। लोगों को लगता है कि दो साल पहले वाले काण्ड के दोहराए जाने की उनकी आशंका सच साबित हुई है।अतः घटना के पूरे तथ्य व सच्चाई जनता के सामने आ सके इसके लिए उच्च स्तरीय जाँच जरूरी।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि माफियागिरी @ एनकाउंटर। अपराधियों में डर का माहौल सुरक्षा एजेंसियों के लिए संजीवनी बूटी है।माफियाओं के खिलाफ सख़्त कार्रवाई से देश में भयमुक्त माहौल बनानें और आपराधिक ग्राफ को ज़ीरो टॉलरेंस करने में मदद मिलेगी।
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कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र