लघुकथा–सच्चा प्रेम | saccha prem
लघुकथा–सच्चा प्रेम
राजीव ने न जाने कितनी बार उसके सामने विवाह का प्रस्ताव रखा था, पर हर बार नियति ने बड़ी सख्ती से उसके साथ विवाह करने से मना कर दिया था।
वह अक्सर उसका मजाक उड़ाती थी कि एक खूब गोरी अति सुंदर लड़की भला एक एकदम सांवले और अति साधारण लड़के से कैसे विवाह कर सकती है? पर उस दिन जब सब के सामने राजीव ने फिर से उसके सामने विवाह का प्रस्ताव रखा तो वह उसके सच्चे प्यार को देख कर फफकफफक कर रो पड़ी।
एक एसिड अटैक का शिकार बनी अपनी बाहरी सुंदरता खो चुकी लड़की को स्वीकार करने की हिम्मत तो केवल सच्चा प्यार करने वाला ही कर सकता है।