एक राज़ की बात बतलाता हूं| ek raaz ki bat batlata hun
May 30, 2023 ・0 comments ・Topic: kishan bhavnani poem vyang
भावनानी के व्यंग्यात्मक भाव
एक राज़ की बात बतलाता हूं
एक राज़ की बात बतलाता हूंडिजिटल युग का मैं भी पालन करता हूं
बड़े प्राइवेट स्कूल में फीस भरवाता हूं
भ्रष्टाचार की मलाई डिजिटली खाता हूं
टेबल नीचे कैश लेना बंद किया हूं
काम बदले कहीं पेड करवाने आइडिया लाया हूं
एजेंसियों के डर से सेफ़ रास्ता अपनाया हूं
भ्रष्टाचार की मलाई डिजिटली ही खाता हूं
वर्ष में दो बार फैमिली टूर पर जाता हूं
लग्जरी शेड्यूल का लाखों उनसे भरवाता हूं
कैश बिल्कुल नहीं लेता हूं
भ्रष्टाचार की मलाई डिजिटली खाता हूं
प्लाट फ्लैट जमीन ममेरे भाई नाम करवाता हूं
फाइल देखकर रेट कोट करवाता हूं
डायरेक्ट नहीं बॉटम लेवल से काम करवाता हूं
भ्रष्टाचार की मलाई डिजिटली खाता हूं
बॉटम लेवल को अपनी फीस लेने बतलाता हूं
कैश नहीं कोई फायदा उठाने समझाता हूं
कोई पकड़ेगा नहीं चोरचोर मौसेरेभाई बतलाता हूं
भ्रष्टाचार की मलाई डिजिटली खाता हूं
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