Pita par kavita | kavita:pita ek ummid ek aas hai
पिता एक उम्मीद एक आस है
पिता ज़मीर पिता जागीर हैपिता ईश्वर अल्लाह का ही एक रूप है
जिसके पास पिता है
उसकी तकदीर बुलंद है
पिता परिवार की अग्रणी आस है
जिंदगी में पिता का ओहदा खास है
परिवार का खास प्यारा बॉस है
पिता एक उम्मीद एक आस है
पिता जिम्मेदारियों की गाड़ी से
लदा हुआ खास सारथी है
नींद लगे तो पेट पर सुलाने वाला
हमदर्द साया और बिछौना है
पिता हमारे सपनों को पूरा
करने वाली हमारी प्यारी जान है
जग में कहने को एक बात है
पिता मां और बच्चों की पहचान है
जो पिता का अपमान करते हैं
वह जीव घोर अन्यायी और पापी है
कंस दैत्य और रावण की कॉपी हैं
परंतु धन्य पिता उनके लबों पर हमेशा माफ़ी है
About author
कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट
किशन सनमुख़दास भावनानी
गोंदिया महाराष्ट्र