1 जून 2023 को भारत में विश्व माता पिता दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया गया। माता-पिता बूढ़े बुजुर्गों का अनेक कार्यक्रमों में स्वागत किया गया सम्मान दिया गया उनके सम्मान में यह मेरी में स्वयं रचित लिखित रचना समर्पित है
हम क्या जाने हमारे लिए हमारी मां
कितने दिन कितनी रातें सोई नहीं
माता-पिता से बढ़कर दुनिया में कोई नहीं
माता-पिता को ठेस पहुंचाने तुल्य कोई पाप नहीं
माता-पिता की सेवा कर ख़ुश रहने जैसा पुण्य नहीं
जिनके हृदय में माता-पिता का मूल्य नहीं
सृष्टि में वह मानवता के तुल्य नहीं
माता-पिता की सेवा तुल्य कोई पुण्य नही
मां पृथ्वी से बड़ी पिता आकाश से ऊंचा है
माता-पिता से बढ़कर कोई तीर्थ देवता गुरु नहीं
माता-पिता से मिले संस्कार की तुलना नहीं
भावनानी के भाव
सृष्टि में माता-पिता से बढ़कर कोई नहीं
सृष्टि में माता-पिता से बढ़कर कोई नहींहम क्या जाने हमारे लिए हमारी मां
कितने दिन कितनी रातें सोई नहीं
माता-पिता से बढ़कर दुनिया में कोई नहीं
माता-पिता को ठेस पहुंचाने तुल्य कोई पाप नहीं
माता-पिता की सेवा कर ख़ुश रहने जैसा पुण्य नहीं
जिनके हृदय में माता-पिता का मूल्य नहीं
सृष्टि में वह मानवता के तुल्य नहीं
माता-पिता की सेवा तुल्य कोई पुण्य नही
मां पृथ्वी से बड़ी पिता आकाश से ऊंचा है
माता-पिता से बढ़कर कोई तीर्थ देवता गुरु नहीं
माता-पिता से मिले संस्कार की तुलना नहीं
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