हमास का इजरायल पर वार

हमास का इजरायल पर वार 

भारत अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ़ तैयार
हमास का इजरायल पर वार

कान खोलकर सुन लो आतंकवाद ! तुम्हारे खिलाफ़ भारत अमेरिका साथ-साथ
अंतर्राष्ट्रीय नियम आधारित व्यवस्था और देश की संप्रभुता के संरक्षण में भारत-अमेरिका की सराहनीय साझेदारी - एडवोकेट किशन भावनानीं गोंदिया
गोंदिया - वैश्विक स्तरपर तेजी से बदलते घटनाक्रम में जहां रूस -यूक्रेन युद्ध की समस्या अभी टली नहीं है,बल्कि बढ़ती जा रही है वहीं शनिवार से हमास फिलिसतीन द्वारा इजराइल पर पांच छह हज़ार से अधिक मिसाइल से हमला कर पूरी दुनियां का ध्यान आकर्षित कर दिया है। आज सोमवार दिनांक 9 अक्टूबर 2023 को देर शामतक प्रिंट इलेक्ट्रानिक व सोशल मीडिया पर इस हमले के अपडेट्स जारी हैं, वहीं इसराइल ने भी आधिकारिक तौर पर युद्ध की घोषणा कर दी है। हालांकि फिलिस्तीनियों और इजरायल यहूदियों का यह मुद्दा बहुत पुराना है, जब अखंड भूमि पर ब्रिटिश राज था उस समय यहूदियों द्वारा अलग क्षेत्र की मांग की गई थी यहीं से यह विवाद प्रारंभ हुआ था। वर्तमान भाव स्थिति शायद पहले कभी नहीं हुई थी। जग जाहिर है कि अमेरिका और भारत सबसे अधिक आतंकवाद के पीड़ित देश हैं। कुछ वर्षों से दोनों की अति नजदीकियां हुई है, अनेक रणनीतिक साझेदारियां भी हुई है और कनाडा भारत विवाद के बावजूद अमेरिका द्वारा शुक्रवार दिनांक 7 अक्टूबर 2023 को अमेरिकी रक्षा मंत्रालय(पेटागन)ने कहा था कि भारत-अमेरिका मजबूत रक्षा साझेदारी बनाए रखने का प्रयास जारी रखेंगे और 8 अक्टूबर 2023 को अल मॉर्निंग में ही अमेरिका के खास प्रिय इसराइल पर हमास के हमले की जानकारी तेजी से सारी दुनियां में फैली जिसपर अमेरिका का तुरंत रिएक्शन आया और रात 12जो बिडेन की प्रतिक्रिया इसराइल का साथ देने की जानकारी दी। वहीं भारत नें भी आतंकवाद के खिलाफ़ इजराइल का साथ दिन देने का ऐलान व समर्थन किया, जिसपर दिनांक 8 अक्टूबर 2023 को देर शाम इसराइली राजदूत ने कहा समर्थन से वे बेहद उत्साहित हैं। चूंकि आतंकवाद के खिलाफ भारत अमेरिका हमेशा से ही साथ-साथ हैं।इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, अंतरराष्ट्रीय नियम आधारित व्यवस्था और देश की संप्रभुता के संरक्षण में भारत अमेरिका की साझेदारी सराहनीय है।
साथियों बात अगर हम हमास इजरायल युद्धकी करें तो,शनिवार को हमास के लड़ाकों द्वारा एक आश्चर्यजनक हमले में गाजा की सीमा का उल्लंघन करने के एक दिन बाद इस्राइल और हमास के बीच लड़ाई तेज हो गई है।हमास के रॉकेट हमलों और जमीनी हमले में मरने वालों की संख्या रविवार को 400 से अधिक हो गई, जबकि 2000 अन्य लोगों के घायल होने की सूचना है। पेपर ऑफ इस्राइल ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि गाजा में कई इस्राइलियों को बंधक बना लिया गया था। वहीं एक रिपोर्ट के मुताबिक, ऑपरेशन का पहला चरण हमारे क्षेत्र में घुसने वाली कई दुश्मन ताकतों के खात्मे के साथ समाप्त हो गया था।इस्राइल के पीए ने हमास को कड़ी चेतावनी जारी करते हुए दावा किया कि उसने एक खतरनाक युद्ध शुरू किया है। इस्राइल रक्षा बल (आईडीएफ) उनकी क्षमता को कमजोर करने के लिए अपनी पूरी ताकत का इस्तेमाल करेगा।
साथियों बात अगर हम इस मामले में भारत के रुख़ की करें तो, इजरायल में हुए हमास आतंकियों के हमले को लेकर तमाम देशों ने इसकी आलोचना की है। वहीं भारत के पीएम ने भी इजरायल को समर्थन दिया। उन्होंने कहा इजरायल में आतंकवादी हमलों की खबर से गहरा धक्का लगा है। इस हमले में मारे लोगों और निर्दोष पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं हैं। हम इस कठिन समय में इजरायल के साथ एकजुटता से खड़े है। इस्राइल पर हमास आतंकवादियों द्वारा किए गए हमलों के बीच भारत ने इस्राइल को समर्थन देने की बात कही है। भारत में मौजूद इस्राइल के राजदूत ने रविवार को इस पर प्रतिक्रिया दी। जिसमें उन्होंने कहा कि भारत दुनिया में एक खास महत्व रखता है। भारत का इस्राइल को समर्थन आतंकवाद की गहरी समझ पर आधारित है। साथ ही उन्होंने कहा कि हमारा सोशल मीडिया भारतीय लोगों के समर्थन से भरा पड़ा है। हम इसकी सराहना करते हैं। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि भारत आतंकवाद को जानता है। राजदूत ने कहा,मुझे कई समर्थकों के फोन आए। फोन करने वालों में कई व्यापारी, मंत्री और सिविल सेवक है। ऐसे समर्थन से मैं बहुत उत्साहित हूं। साथ ही युद्ध स्थिति पर जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि हमलों में इस्राइली और गैर-इस्राइली दोनों नागरिकों की जान गई है। जल्द ही उनका विवरण दुनिया के साथ साझा किया जाएगा। पीएम ने हमास द्वारा किए गए रॉकेट हमलों पर इजराइल के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए शनिवार को कहा कि भारत की संवेदनाएं और प्रार्थनाएं निर्दोष पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं।
साथियों बात अगर हम इस मामले पर अमेरिकी रूख़ की करें तो,अमेरिकी राष्ट्रपति ने इजरायल को अपना समर्थन जताते हुए कहा, मैं इजरायल, पूरी दुनिया और कहीं भी बैठे आतंकियों से कहना चाहता हूं कि अमेरिका इजरायल के साथ खड़ा है। हम उनके साथ खड़े होने में कभी भी असफल नहीं होंगे। हम ये निश्चित करेंगे कि इजरायल के लोगों को जो भी मदद चाहिए वो हम उन्हें दें। वो अपना बचाव करना जारी रख सकते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, दुनिया भयावह तस्वीरें देख रही है। इजरायली शहरों पर हजारों रॉकेट बरस रहे हैं। हमास के आतंकवादी न केवल इजरायली सैनिकों बल्कि नागरिकों को सड़कों और उनके घरों में मार रहे हैं। यह अनुचित है। इजरायल को अपनी रक्षा करने का अधिकार है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा, मुझे यह बात यथासंभव साफ तौर पर कहना है कि यह किसी भी पार्टी के लिए इजरायल के खिलाफ हुए इन हमलों का फायदा उठाने का समय नहीं है। इजरायल की सुरक्षा के लिए मेरे प्रशासन का समर्थन दृढ़ और अटूट है। इजरायल और फिलिस्तीन एक बार फिर से आमने-सामने हैं। हमास के आतंकियों ने इजरायल के ऊपर अचानक से हमला कर दिया। तमाम देश में हमास के इस कायरपूर्ण हमले की कड़ी आलोचना की जा रही है। भारत ने अपने दोस्त मुल्क इजरायल का समर्थन किया है तो वहीं अमेरिका भी इजरायल के साथ खड़ा है। इजरायल और फिलिस्तीन एक बार फिर से आमने-सामने हैं। हमास के आतंकियों ने इजरायल के ऊपर अचानक से हमला कर दिया। अमेरिका ने इजरायल का खुला समर्थन किया है।
साथियों बात अगर हम शुक्रवार दिनांक 7 अक्टूबर 2023 को अमेरिका रक्षा मंत्रालय (पेटागन)के बयान की करें तो, पेंटागन के प्रेस सचिव ने यहां संवाददाताओं से कहा, हम रक्षा स्तर पर भारत के साथ संबंधों की काफी सराहना करते हैं।अमेरिका भारत के साथ मजबूत रक्षा साझेदारी बनाए रखने का प्रयास जारी रखेगा और मुझे लगता है कि यह कुछ ऐसा है जिसे आप आगे बढ़ता देखेंगे। उन्होंने कहा कि अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के लिए चीन लगातार चुनौती बना हुआ है। जब किसी देश की संप्रभुता के संरक्षण तथा अंतरराष्ट्रीय नियम आधारित व्यवस्था की बात आती है तो हम भारत तथा हिंद प्रशांत क्षेत्र के अन्य देशों के साथ अमेरिका की साझेदारी की सराहना करते हैं। इन्ही व्यवस्थाओं के कारण ही कई वर्षों से शांति-स्थिरता बनी हुई है। अमेरिका भारत के साथ मजबूत रक्षा साझेदारी बनाए रखने का प्रयास जारी रखेगा। अमेरिका से यह बयान ऐसे वक्त में आया है जबकि कनाडा से भारत के संबंधों में आई खटास के बीच अमेरिका ने इसे गंभीर बताते हुए भारत से जांच में सहयोग देने की मांग की है।पेंटागन के प्रेस सचिव ने यहां संवाददाताओं से कहा, हम रक्षा स्तर पर भारत के साथ संबंधों की काफी सराहना करते हैं।अमेरिका भारत के साथ मजबूत रक्षा साझेदारी बनाए रखने का प्रयास जारी रखेगा और मुझे लगता है कि यह कुछ ऐसा है जिसे आप आगे बढ़ता देखेंगे। जब किसी देश की संप्रभुता के संरक्षण तथा अंतरराष्ट्रीय नियम आधारित व्यवस्था की बात आती है तो हम भारत तथा हिंद प्रशांत क्षेत्र के अन्य देशों के साथ अमेरिका की साझेदारी की सराहना करते हैं। इन्ही व्यवस्थाओं के कारण ही कई वर्षों से शांति-स्थिरता बनी हुई है। अमेरिकी प्रांत जॉर्जिया से डेमोक्रेट सांसद ने भारतअमेरिका के बीच रिश्ते और मजबूत बनाने के लिए काम करने का संकल्प लिया है। उन्होंने नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन अमेरिकन’ द्वारा भारत अमेरिकी मित्रता का जश्न मनाने के लिए आयोजितकार्यक्रम में कहा, मैं दोनों देशों के आर्थिक एवं सांस्कृतिक संबंधों, अनुसंधान सहयोग और सुरक्षा समन्वय बढ़ाने के लिए काम करना जारी रखूंगा। उन्होंने कहा, जॉर्जिया में भारतीय प्रवासी समुदाय के लिए ये संबंध काफी अहम हैं। भारत और अमेरिका के बीच 1997 में रक्षा व्यापार लगभग नगण्य था लेकिन आज यह 20 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का है।एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि चीन रक्षा मंत्रालय के लिए लगातार चुनौती बना हुआ है।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि हमास का इसराइल पर वार - भारत अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ़ तैयार।कान खोलकर सुन लो आतंकवाद ! तुम्हारे खिलाफ़ भारत अमेरिका साथ-साथ।अंतर्राष्ट्रीय नियम आधारित व्यवस्था और देश की संप्रभुता के संरक्षण में भारत-अमेरिका की सराहनीय साझेदारी है।

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kishan bhavnani
कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट 
किशन सनमुख़दास भावनानी 
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