कविता -मेरी आवाज़ | meri aawaz kavita
October 04, 2023 ・0 comments ・Topic: poem Prem Thakker
कविता -मेरी आवाज़ | meri awaz kavita
सुनो दिकु....एक दिन वह सवेरा ज़रूर आएगा
जो तुम तक मेरी आवाज़ पहुंचाएगा
कितनी भीगी आंखें, जागी वह कितनी सारी रातें
जितनी दिल ही दिल में टूटकर सहम सी गयी
वह हर बातों का, हिसाब तुम्हें दिखायेगा
एक दिन वह सवेरा ज़रूर आएगा
जो तुम तक मेरी आवाज़ पहुचायेगा
जाने से पहले बता जाती, एकबार प्रेम को
खत्म कर जाती, मन में रहे हुए एक वहम को
यह एक दर्द प्रेम को पूरी ज़िंदगी सताएगा
एक दिन वह सवेरा ज़रूर आएगा
जो तुम तक मेरी आवाज़ पहुचायेगा
प्रेम ना थकेगा कभी, ना ही कभी रुकेगा
वह तुम तक बात पहुंचाने की,
हरदम कोशिश करता रहेगा
जिस पल तुम्हें पता लग जायेगा,
प्रेम उस दिन अपने दिल में दिवाली मनाएगा
एक दिन वह सवेरा ज़रूर आएगा
जो तुम तक मेरी आवाज़ पहुचायेगा
प्रेम का इंतज़ार अपनी दिकु के लिए
About author
प्रेम ठक्करसूरत ,गुजरात
ऐमेज़ॉन में मैनेजर के पद पर कार्यरत
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