दिकुप्रेम | dikuprem
January 01, 2024 ・0 comments ・Topic: poem Prem Thakker
दिकुप्रेम
सुनो दिकु...में ठीक हूँ
तुम अपना ख्याल रखना
मेरी फिक्र में मत रहना
कोई भी आये परेशानी अगर
हौंसला रखना खुद पर
मुश्केलियों से कभी ना डरना
में जानता हूँ और समझता भी हूँ
कि बहुत ज़िम्मेदारियों से घिरी हो तुम
पर कभी फुर्सत मिले तो
दिकुप्रेम के हसीन पलों को याद ज़रूर करना
*प्रेम का इंतज़ार अपनी दिकु के लिए*
प्रेम ठक्कर 'दिकुप्रेमी'
About author
प्रेम ठक्करसूरत ,गुजरात
ऐमेज़ॉन में मैनेजर के पद पर कार्यरत
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