Kavita : सबला नारी | sabla naari
March 24, 2024 ・0 comments ・Topic: kanchan chauhan poem
सबला नारी
किसने कहा अबला है नारी, नारी तो सब पर भारी है।मां,बहन, बेटी या सखी, सब के रूपों में न्यारी है ।
अबला नहीं सबला है नारी, लेकिन यही व्यथा है सारी,
नारी को कोई झुका नहीं सकता ,बस नारी है नारी से हारी ।
किसने कहा अबला है नारी, नारी तो है सब पर भारी।
अबला नहीं सबला है नारी, नारी ना नर से हारी है।
नारी बस तब ही है हारी,जब नर के पीछे नारी है।
नारी का जीवन सुगम बनाना, होता है नारी के हाथ ।
नर ना होगा अत्याचारी, अगर ना हो नारी का साथ।
अबला नहीं सबला है नारी, नारी ना नर से हारी है।
नारी को कोई झुका नहीं सकता, नारी सब पर भारी है।
कंचन चौहान
Post a Comment
boltizindagi@gmail.com
If you can't commemt, try using Chrome instead.