dharti saja den by dr indu kumari
June 27, 2021 ・0 comments ・Topic: poem
धरती सजा दें
आएं हम सब मिलकर
धरती को यूं सजा दें।
पेड़ों की कतारें लगा दें
इस अवनि को मिलकर
हरियाली से सजा दें
हम मानव बन जाएं
पर्यावरण को बचा लें
अपनी करतूत संभालें
जीवन आनन्द बना लें
अंधविश्वास को भगाकर
जिंदगी सरल बना लें
खूबसूरत -सी है दुनिया
खूबसूरती को निहारें
प्यार सागर से है गहरा
मानव में एकता जगा दे
प्यार से धरती सजा दें
मिलती है यहां सोने- चांदी
वनस्पति से सुख -सुविधा
प्रकृति अनमोल रतन है
रत्नों से जीवन सजा ले
आए हम सब मिलकर
पेड़ों से धरती सजा दें
स्व: रचित
डॉ इन्दु कुमारी
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