मेरी किस्मत में क्या पता क्या
मेरी किस्मत में क्या पता क्या
फिर भी उनके इरादे भाप लिया
चाहत के समंदर में क्या खोया क्या पाया दौर कोई भी हो दुनिया वालो सामने से जमाना गुजर गया देख कर ये मंजर हमने सीने पर पत्थर रख लिया कहते हैं इश्क में वो ताकत हैं मौत को भी हरा देती हैं हमने कुछ भी ऐसा नहीं देखा ऑंख बंद थी खुद को सोया पाया (स्वरचित रमेश वर्मा -वाराणसी)
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