beshumar pyar kavita by anita sharma jhasi

July 23, 2021 ・0 comments

  बेशुमार प्यार

beshumar pyar kavita by anita sharma jhasi


तुम को हम बतलाये कैसे,

बेशुमार प्यार हम करते हैं।


तुम बिन जीवन जीने का,

स्वप्न में भी न ख्याल आया।


सांसो के हर सरगम में भी,

बेशुमार प्यार हम करते हैं।


तुम्हारे आगोश में आकर ,

हम संवरने लगे हैं।


न मिलने पर कितनी तड़प,

तुमको बतलायें कैसे।


मन के अंतःकरण में सिर्फ,

तुम ही तुम बसते हो।


पाकर बेशुमार प्यार तुम्हारा,

हम निखरने लगें हैं।


--अनिता शर्मा झाँसी

---मौलिक रचना


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