kavita vriddho ka samman by madhu pradhan
वृद्धों का सम्मान
वृद्धन का सम्मान करो
नाज करो संस्कारन पे
मत इनका उपहास करो
एक दिन ऐसों आओगा
तुम भी बूढ़े होय जाओगे
लोग करेंगे ठठ्ठा
तुम पछताओगे
अहं ताख पर रख
करो सदा इनकी सेवा
आशीष सदा ही पाओगे
जीवन सफल कर जाओगे
मस्तक ऊँचा रख जी पाओगे
जिस भाई ने यह
कर दिखलायो
संतोष बहुत ही पायो है
ऐसा कुछ तुम भी कर जाओ
सुख शांति से जी पाओ।।।।
मधु प्रधान मधुर