Ram mandir Ayodhya | Ram mandir news
Ram mandir Ayodhya | Ram mandir news
राम मंदिर में अभी तक कितना काम हुआ है ?
अयोध्या में श्री राम मंदिर का निर्माण करने के लिए मंदिर का निर्माण करने के लिए फाउंडेशन फिल्म का काम प्रोग्रेस में है ,और अब राम मंदिर का निर्माण में लगने वाला पत्थर भी मिर्जापुर से आने लगा है मंदिर के निर्माण में लगभग 19000 पत्थर के टुकड़ों की जरूरत होगी ।
इसके अलावा भी कुछ मैन अपडेट हैं जैसे कि राम मंदिर की सुरक्षा के लिए मंदिर परिसर से 300 मीटर के दायरे में बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन पर रोक लगा दिया गया है और राम मंदिर के लिए अपनी जान गवाने वाले कारसेवकों के नाम पर उत्तर प्रदेश में बनी रोड का भी नाम रखा जाएगा ।
ऐसे और भी काफी सारी अपडेट हैं दोस्तों अयोध्या को अंतरराष्ट्रीय स्तर का पर्यटन स्थल बनाया जाएगा जिस तरह वेटिकन सिटी और मक्का को डेवलप किया गया है उसी तरह अयोध्या को भी डेवलप किया जाएगा और इसमें 10000 करोड़ से अधिक रुपए खर्च होने का अनुमान है । इसके बारे में हम लोग आगे जाने के पहले देखते हैं
राम मंदिर कन्स्ट्रक्शन अपडेट
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण केवल पत्थरों से किया जाएगा और इसमें सरिया यानी कि स्टील का यूज नहीं होगा तो पत्थर का वजन काफी ज्यादा होता है इसीलिए इसके लिए काफी मजबूत नींव यानी फाउंडेशन बनाया जा रहा है फाउंडेशन के लिए 1,20,000 वर्ग फीट एरिया में खुदाई की गई है यानी कि राम मंदिर के लिए 12 मीटर गहरी खुदाई की गई है यानी कि 1 यानी कि राम मंदिर के फाउंडेशन के लिए जो खुदाई की गई है उस गड्ढे का साइज है 400 फीट लंबा 300 फीट चौड़ा और 40 फीट गहरा ।
फाउंडेशन के लिए 40 फीट यानी कि 12 मीटर गहरी खुदाई की गई है यानी कि 4 फ्लोर की बिल्डिंग की हाइट के बराबर यहां पर खुदाई की गई है और ग्राउंड इंप्रूवमेंट के लिए 40 फीट के गड्ढे में टोटल 44 लेयर बिछाया जाएगा इंजीनियरिंग फील्ड मटेरियल का वर्तमान में ग्राउंड इंप्रूवमेंट फाउंडेशन फीलिंग का काम प्रोग्रेस में है टोटल 44 से 15 लेयर बिछाया जा चुका है और और भी ज्यादा स्पीड से कंस्ट्रक्शन करने के लिए टोटल तीन बैचिंग प्लांट लगाया गया है इसमें गिट्टी, पत्थर का पाउडर ,पत्थर के कोयले की राख और सीमेंट का मिक्चर बना कर डाला जाता है एक लेयर में लगभग 1 फीट मोटा मटेरियल डाला जाता है मेटेरियल डालने के बाद इसे दबाया जाता है उसके बाद लगभग ये 10 इंच का हो जाता है । फाउंडेशन में 15 लेयर कंप्लीट हो गया है
अलग-अलग शिफ्ट में 24 घंटे मंदिर का निर्माण चल रहा है नींव कंप्लीट होने के बाद मंदिर का सुपरस्ट्रक्चर यानी पत्थर का काम स्टार्ट होगा ।
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करने के लिए उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से पत्थर मंगवाया जा रहा है इस मंदिर के निर्माण के लिए मिर्जापुर के अहरौरा के गुलाबी पत्थरों का इस्तेमाल किया जाएगा और 7 जुलाई 2021 को पत्थर की पहली खेप अयोध्या पहुंच गई सबसे पहले जो ट्रक पहुंची है टोटल 16 क्यूबिक फीट के लगभग 30 पत्थर के टुकड़े थे
एक पत्थर का साइज 16 क्यूबिक फीट यानी कि 4 फीट लंबा 2 फीट चौड़ा और 2 फीट मोटा है और राम मंदिर के निर्माण में ऐसे लगभग 19000 पत्थरों की जरूरत होगी और सभी पत्थरों को मिर्जापुर से अयोध्या लाने में लगभग 8 से 9 महीने का टाइम लग जाएगा और पत्थर की तराशी का काम भी मिर्जापुर में चल रहा है
मिर्जापुर के बलुआ पत्थर की वर्कशॉप में एलएनटी और करंट ट्रेडर्स की देखरेख में पत्थरों की तरह से हो रही है दोस्तों कुछ दिन पहले अयोध्या में राम मंदिर के लिए जमीन खरीदना कंट्रोवर्सीएल रहा ।
ये विवाद इतना बढ़ गया की पीएमओ और आर एस एस को भी हस्तक्षेप करना पड़ा तो आगे से अयोध्या में भी जमीन खरीदने के लिए बनारस के काशी विश्वनाथ वाला मॉडल लागू किया गया है यानी कि पहले जमीन का रिव्यू होगा उसका मार्केट रेट निकाला जाएगा और फिर उसी रेट में उस जमीन को खरीदा जाएगा आरएसएस के सरकार्यवाहक रहे भैयाजी जोशी को राम मंदिर के लिए केयरटेकर बनाकर अयोध्या भेजा गया है वैसे राम मंदिर के निर्माण की जिम्मेदारी मिली है श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को।
राम मंदिर के लिए जमीन खरीदने में घोटाला हुआ या नहीं हुआ यह तो जांच का विषय है इसके बारे में सबके अपने-अपने तर्क हैं लेकिन ऐसी खबर सच में दुर्भाग्यपूर्ण है
हाल ही में उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम और पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर केशव मौर्या जी ने घोषणा किया कि राम मंदिर के लिए संघर्ष में अपनी जान गवाने वाले लोगों के नाम पर यहां पर रोड बनाया जाएगा उन सड़कों पर उनकी तस्वीर भी लगाई जाएगी रिपोर्ट के अनुसार, 30 अक्टूबर 1990 को काफी संख्या में कारसेवक अयोध्या में विवादित ढांचे की तरफ बढ़ रहे थे जिसमें की उनकी मौत हो गई थी उन्हीं कारसेवकों के नाम पर यह सड़के उत्तर प्रदेश में बनाए जाएंगी ।
राम मन्दिर सुरक्षा अपडेट
चलिए अब अगली अपडेट देखते हैं अयोध्या में राम मंदिर के परिसर से 300 मीटर के दायरे में कोई भी मल्टी स्टोरी बिल्डिंग नहीं बनेगा यहां पर 12 मीटर से ज्यादा हाइट की बिल्डिंग को मल्टी स्टोरी बिल्डिंग की कैटेगरी में रखा गया है यह कदम उठाया गया है राम मंदिर की सुरक्षा के लिए ।
पूरे मंदिर के परिसर से 300 मीटर के दायरे में हाई राइज बिल्डिंग तो बन ही नहीं सकता और लो राइज बिल्डिंग बनाने के लिए भी पहले डेवलपमेंट अथॉरिटी से नक्शा पास कराना होगा उसके बाद डीएम से भी एनओसी लेना होगा और जो बिल्डिंग ऑलरेडी बना हुआ है उसे भी रिपेयर या फिर रिनोवेशन करने के लिए पहले डीएम से एनओसी लेना होगा
अयोध्या के डेवलपमेंट का प्लान
तो यह तो हुआ राम मंदिर का अपडेट अब देखते हैं अयोध्या के डेवलपमेंट का प्लेन दोस्तों अयोध्या को इंटरनेशनल टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में पेश किया जा रहा है जिस तरह से वेटिकन सिटी या फिर मक्का को डिवेलप किया गया है उसी तरह अयोध्या को डिवेलप किया जाएगा । अयोध्या को इंटरनेशनल टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में डिवेलप करने के लिए सड़कों को भी डिवेलप किया जा रहा है सरयू नदी के घाटों को और भी ज्यादा सुंदर बनाया जा रहा है साथ ही बेहतर कनेक्टिविटी के लिए अयोध्या और फैजाबाद रेलवे स्टेशन को भी रीडेवलप किया जा रहा है ।
वैसे फैजाबाद रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर अयोध्या कैंट रेलवे स्टेशन कर दिया गया है साथ ही अयोध्या में इंटरनेशनल लेवल का एयरपोर्ट भी बन रहा है
अगले 3 साल में यानी कि 2024 तक अयोध्या में श्रीराम का मंदिर हो जाएगा और सबसे अच्छी बात यह है कि मंदिर निर्माण के साथ ही अयोध्या को भी डिवेलप किया जा रहा है ताकि अयोध्या में पर्यटन को भी बढ़ावा मिले।
और उम्मीद है की 2022से अयोध्या में दर्शानाथी के दर्शन के लिए मंदिर खोल दिया जाएगा और पूरा मंदिर का निर्माण 2024 तक पूरा होने के अनुमान है ।