Mat banto Insan by indu kumari

 मत बाँटो इंसान

Mat banto Insan by  indu kumari


मंदिर- मस्जिद गिरजाघर ने

बाँट दिया भगवान     को

मंदिर बाँटी मस्जिद बाँटी

मत बाँटो  इंसान       को

इंसानों की है इंसानियत

हैवानों की है हैवानियत

बेटा बाँटा बेटी   बाँटी

बाँट दिया परिवार को

नकारात्मक सोच वालों ने

बाँटा सारा जहान    को

धरती बाँटी अंबर बांटे

 मत बाँटो इंसान    को

धर्म बाँटे रीति रिवाज बाँटे

बाँट दिया माँ  बाप    को

लहू का रंग एक है सबमें

मत बाँटो इंसान      को। 


स्व रचित

            डॉ. इन्दु कुमारी 

मधेपुरा बिहार

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