Han mai badal rha hu by Rahul Aligadhi
September 24, 2021 ・0 comments ・Topic: poem
*हाँ, मैं बदल रहा हूँ ...*
जी भर के जीना सीख रहा हूँ,
आईने में खुद को ढूंढ रहा हूँ।
सीख रहा हूँ टेढ़े रास्तों का चलन,
इसलिए थोड़ा थोड़ा संभल रहा हूँ।
हाँ, मैं खुद को थोड़ा बदल रहा हूँ।।
हिचकियाँ भी अब तो, आती नहीं है,
इस कदर कोई याद, करता नहीं है।
शान्त कर दे कोई, मेरे दिल में उठे तूफ़ां को,
मैं अंदर ही अंदर सुलग रहा हूँ।
हाँ, मैं खुद को थोड़ा बदल रहा हूँ।।
खोल दिए बंधन सारे, जो लगे थे मेरे दिल पर,
खुलकर उड़ना चाहता हूँ, उस निश्छल से अम्बर पर।
मन में कब तक बोझ लिए, फिरूंगा मारा मारा,
हीरे जैसे मन को लेकर, फिर काँसे में ढ़ल रहा हूँ।
हाँ, मैं खुद को थोड़ा बदल रहा हूँ।।
✍️ राहुल अलीगढ़ी
परिचय ..........
नाम : *राहुल अलीगढ़ी*
पिता : श्री चन्द्र भान सिंह
माता : श्रीमती ओमवती देवी
जन्म : 15 जुलाई 1988
सम्मान : श्री राम साधना साहित्य सम्मान, कृष्णवी साहित्य सम्मान (श्री नवमान पब्लिकेशन, अलीगढ़) एवं स्टोरी मिरर, मुम्बई से अब तक 9 प्रशस्ति पत्र प्राप्त हो चुके हैं।।
पता : प्रिंस कॉलोनी, मेलरोज़ बाईपास, अलीगढ़ -202001 (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल : 8307778883
ई मेल : rahul.info12@gmail.com
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