Meri ankhon me tere khwab rahne de by Ajay Prasad
मेरी आँखों में तेरे ख्वाब रहने दे
मेरी आँखों में तेरे ख्वाब रहने दे
उम्र भर को दिले बेताब रहने दे।
कुछ पल को ही सही , मान मेरी
मुझे अपना इंतखाब रहने दे ।
सारे नजराने ठुकरा दे गम नहीं
अपने हाथो में मेरा गुलाब रहने दे ।
जानता हूँ राज़ तेरी ख़ामोशी का
सवाल तो सुन ले, जबाब रहने दे ।
अब तो हक़ीक़त का कर सामना
सपनों से निकल, किताब रहने दे ।
-अजय प्रसाद