Teej by dr indu kumari
तीज
पावन है तीज त्योहार मनाऊं मैं
लक्ष्मी घर आए दीप जलाऊं मैं
गौरी शिव के आराधना कर आऊं
लम्बी उम्र की कामना कर गाऊं
मेंहदी रच-रचकर सज हुलसाऊं
बन प्रिय के रंग में रंग जा ऊं
जिन्दगी की बगिया को महकाऊं
रौशनी बन प्रेम की घर में फैलाऊं
चाँद से भी प्यारा मेरा दिलवर है
चलनी में ही सुन्दर रूप निहारूं
कर सोलहो श्रृंगार मन मुस्काऊं मैं
अरज करूं कर जोड़ शीश नवाऊं मैं।
डॉ.इन्दु कुमारी
हिन्दी विभाग
मधेपुरा, बिहार