Safalta jhak mar kr aayegi by Jitendra Kabir
September 14, 2021 ・0 comments ・Topic: poem
सफलता झक मारकर आएगी
बहुत संभव है कि तुम पर
तुम्हारे अपने ही घर वाले सवाल उठाएं,
मन की आवाज़ सुनकर लिया गया
तुम्हारा कोई निर्णय उनकी परंपरागत सोच,
छवि एवं विश्वास को ठेस पहुंचाए,
तब भी आगे बढ़ते रहना तुम
रचनात्मकता की राह पर लेकर दृढ़ संकल्प,
लगन सच्ची होगी अगर तुम्हारी
तो सफलता झक मारकर पीछे आएगी
और तब सब घर वालों की नाराजगी
गर्व, सम्मान में बदल जाएगी।
बहुत संभव है कि तुम्हारे संकल्प का
दुनिया वाले बड़ा मजाक उड़ाएं,
फैलाएं तुम्हारे काम के बारे में
उल्टी-सीधी बातें
तुम्हें कोई हौंसला देने के बजाय,
बैठ न जाना तुम कभी उनकी हतोत्साहित
करने वाली बातों से हिम्मत हारकर,
उनकी आलोचना को ही बना लोगे
अगर तुम जिद्द अपनी
तो सफलता झक मारकर पीछे आएगी
और तब उनकी जुबान तुम्हारे लिए
प्रशंसा के गीत गाएगी।
जितेन्द्र 'कबीर'
यह कविता सर्वथा मौलिक अप्रकाशित एवं स्वरचित है।
साहित्यिक नाम - जितेन्द्र 'कबीर'
संप्रति - अध्यापक
पता - जितेन्द्र कुमार गांव नगोड़ी डाक घर साच तहसील व जिला चम्बा हिमाचल प्रदेश
संपर्क सूत्र - 7018558314
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