Teri judai by nandini laheja
September 24, 2021 ・0 comments ・Topic: poem
तेरी जुदाई
जब कोई अपना हो जाता हमसे जुदा
रह जाता सिर्फ तस्वीरों में ,और यादें रहती सदा
हर क्षण याद आती बातें उसकी और संग बिताये पल
कही से वापस आ जाये वह, बस यही चाहता दिल
ह्रदय में भर जाती फिर इक तन्हाई
तड़पती ,रुलाती है उस प्यारे से जुदाई
तेरी जुदाई,होती सहन न हमसे
कभी मन को भर देती यादों से तेरी तो
कभी आँसू बन कर छलकती नयनन से
कितने प्यारे पल थे जब हम संग हुआ करते थे
हर ख़ुशी हर गम को साझा किया करते थे
सोचा भी न था कभी तू ऐसे चली जाएगी
तू न रहेगी बस तेरी मीठी यादें रह जाएगी
कभी मूंदते नयन तो छवि तेरी उभर है आती
कभी चाँद सितारों के मध्य इक तारा बन कर दिखती
सच,तेरी जुदाई होती सहन न हमसे'
कभी मन को भर देती यादों से तेरी तो
कभी आँसू बन कर छलकती नयनन से
नंदिनी लहेजा
रायपुर(छत्तीसगढ़)
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