Gazal ashiqi ki khudkushi ho jayegi by antima singh
October 23, 2021 ・0 comments ・Topic: Gazal
ग़ज़ल
आशिक़ी की ख़ुदकुशी हो जाएगी।
आशिक़ी की ख़ुदकुशी हो जाएगी।
जिंदगानी बदनशीं हो जाएगी।।
उल्फ़तों की है नदी जो बन रही,
सूखकर खाली कभी हो जाएगी।।
जिंदगी की ये सहर है जानती हूँ,
पर किसी दिन जामिनी हो जाएगी।।
उच्चशिखरों से रही है मुस्कुरा जो,
गर्त में गिर कामिनी रो जाएगी।।
घन से टकराकती उलझती दामिनी,
दो पलों के बाद ही खो जाएगी।।
चाँद की मचली हुई ये चाँदनी,
नागिनों की शाइनी हो जाएगी।।
ढूँढती तिनके जलाने के लिए,
ये शिखा भी राख ही हो जाएगी।।
है ज़मीरों का रहा ये खेल सब,
आशिक़ी भी अब सज़ा हो जाएगी।।
बेचकर कोठे पे तुझको आएगा,
मुस्कारहठ भी तेरी खो जाएगी।।
सौम्यता जो आज तुझमें पल रही,
क्या ज़हर बनकर नहीं सो जाएगी।।
सोच ले एक बार प्यारे दिल अरे,
क्या ख़ुदी तेरी नहीं धो जाएगी।।
दिल बचाके रख ख़ुदा के वास्ते,
आह कब तुझको बदा हो जाएगी।।
देख ले 'अंतिम' लगाके दाँव तूँ,
जिंदगी जन्नत यही हो जाएगी।।
Post a Comment
boltizindagi@gmail.com
If you can't commemt, try using Chrome instead.