Jhootha aadambar kyu by Jitendra Kabir
झूठा आडंबर क्यों?
जिस इंसान ने
अपने दुश्मनों से भी कभी
नफरत नहीं की,
अपनी तरफ से की जिसने भरसक कोशिश
कि प्रेम-भाईचारा बना रहे जन-जन में,
जब उसी इंसान के नाम पर
करनी हैं खड़ी दीवारें नफरत की तुम्हें नित्य,
तो फिर बताओ मिलता क्या है
झूठ-मूठ इस तरह उसका गुणगान करने में?
जिस इंसान की
कथनी व करनी में नहीं था
रत्तीभर का भी अंतर,
अपनी तरफ से जिसने जान लगा दी
अपने विश्वास व सिद्धांतों के पालन में,
जब सत्य, अहिंसा, प्रेम, विनम्रता, सादगी
जैसे सिद्धांत नहीं स्वीकार्य तुम्हें,
तो फिर बताओ मिलता क्या है
उसके सिद्धांतों को मानने का
झूठ-मूठ इस तरह भव्य आडंबर करने में?