Ashru by Jayshree birmi

November 07, 2021 ・0 comments

 अश्रु

Ashru by Jayshree birmi


बहते है अश्क ही आंखो के द्वार से

खुशी हो तो भी बहेंगे ये

गम में तो बहने का दस्तूर ही हैं

 भरे दिल को हल्का कर देते है ये आंसू

रोने के बाद आंखो को निखार देते हैं आंसू

चेहरा भी खिल जाता हैं अश्रु प्रक्षालन से

बुरे दिनों में सहारा और अच्छे दिनों में अभिव्यक्ति हैं

ये आंसू

चाहों न चाहोँ बरबस ही निकल आते हैं ये आंसू

आंसू पर तरस मत खाइए

दिल का गुबार निकालते 

हैं आंसू


जयश्री बिरमी
अहमदाबाद

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