Chand mera by Jayshree birmi

November 10, 2021 ・0 comments

 चांद मेरा

Chand mera by Jayshree birmi


 आज तुम चाहे मत निकलो चांद

परवा नहीं

चमकेगा टुकड़ा मेरे दिल का

तुम जलाना नहीं

 निकला हैं आज बरसों के बाद

अब बदरी तू भी छाना नहीं

 हैं किस्मत में मेरी ये ही  रोशनी

अब उससे आगे मैंने भी कुछ मांगा नहीं

चांद को तो रात चाहिए चमक ने के लिए

मेरा चांद तो हर दिन हर रात हर पल के लिए हैं

ए चांद तेरी चांदनी की चमक पराई सी हैं

 चांद मेरे की तो रोशनी सो फीसदी अपनी ही हैं

आज तो रात को न सोऊंगी न ही दिन भर चैन होगा

बस एक में और सामने मेरे दिल का टुकड़ा होगा

रब करे न बीते ये पल,दिन और रात

सुनती रहूं में मेरे दिलके टुकड़े की ही आवाज


जयश्री बिरमी
अहमदाबाद

Post a Comment

boltizindagi@gmail.com

If you can't commemt, try using Chrome instead.