धनतेरस
आइए!धनकुबेर के नाम
एक दीप जलाते है,
कुबेर जी से आशीष पाते हैं।
धनतेरस से ही दीवाली पर्व की
शुरुआत होती है।
आज हम धन कुबेर जी को मनाते हैं
धन धान्य से भरपूर होने का
सब वरदान चाहते हैं।
आज इस बार हम सब
अपने साथ साथ
दीन हीन असहायों के लिए भी
धन दौलत सुख माँगते हैं।
हे प्रभु!मुझ पर अपनी कृपा बरसाओ
मगर उससे पहले
उन पर भी कृपा करो,
जो गरीब, लाचार असहाय हैं,
उन्हें भी खुशहाल करो
उनकी बदहाली पर तरस खायो,
जन जन पर अपनी
बहुत कृपा बरसाओ।
बस मेरी इतनी सी विनती है
भूख,बेबसी, लाचारी मिटाओ
मेरी पूजा का बस इतना फल दे दो
हर चेहरे पर मुस्कान और
हर झोली में धन भर दो।
✍ सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा(उ.प्र.)
8115285921
©मौलिक, स्वरचित
हिन्दी साहित्य के प्रसिद्ध कवि एवं शायर चन्द्र प्रकाश गौतम (सी.पी. गौतम) का जन्म 13 अगस्त सन् 1995 को उत्तर प्रदेश के मीरजापुर जनपद के छीतकपुर गाँव में हुआ ।
इनकी प्रारम्भिक शिक्षा गाँव के ही प्राथमिक विद्यालय से शुरू हुई
इन्होंने उच्च शिक्षा स्नातक की पढ़ाई काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से की तथा यहीं से हिन्दी साहित्य में परास्नातक की पढ़ाई भी की ।
स्नातक व परास्नातक की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की है।
चन्द्र प्रकाश गौतम की हिन्दी साहित्य में विशेष रुचि है ।
इन्होंने कई महत्वपूर्ण कविताओं एवं आलोचनात्मक लेखों का सृजना किया है , जो देश के विभिन्न राज्यों के दैनिक समाचार पत्रों , पत्रिकाओं में प्रकाशित है साथ ही इनकी कुछ रचनाएं भारत के अलावा अमेरिका में भी प्रकाशित हुई हैं
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