Ek vyang nasha by Anita Sharma
November 07, 2021 ・0 comments ・Topic: poem
एक व्यंग्य नशा
सबका मनोरंजन करते अभिनेता
पर अपने घर में समय न देते।
धन तो खूब कमा लेते पर
बच्चों को संस्कार न दे पाते।
नशे के आदी हो रहे सभी
पर इस ओर ध्यान कहाँ?
धन वैभव में दिशा हीन है
चूर सभी मद मदिरा नशे में।
अभिनेता-नेताओं की परवरिश
पोल खोलती जेल कोठरी।
चक्कर कोर्ट में लगा रहे हैं
वकीलों की कतार उतार रहे।
काश अभिनय के साथ साथ
अभिभावक अच्छे बन पाते?
कुछ संस्कार और मर्यादा से
परिवार सफल बना पाते ?
चकाचौंध में डूबकर
अपना परिवार भुला बैठे।
नशे के आदी हो रहे बच्चे
शौकीन सभी दिखावे में।
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