Gazal by mainuddin kohri
ग़ज़ल
जब भी ग़ज़ल साया हमारी होगी।
अदीबों में गिनती भी हमारी होगी।
मुल्क में बेरोजगारी की यूँ तादाद ।
ये समस्या तो बड़ी चिंगारी होगी ।।
नेताओं की फिसलती ये जुबानें ।
मुल्क में ये बड़ी महामारी होगी।।
अमन के दीप जलाओ तो सही ।
सदभाव की बरसात जारी होगी।।
आज धुंए से क्यों सांसें घुटती है।
पर्यावरण से दूर ये बीमारी होगी।।
ज्ञान का दीपक जलाए रखियेगा ।
राहें इक दिन तो उजियारी होगी ।।
'नाजीज 'गिरेबां में झांको तो सही।
जमीर ने बुराई सदा नकारी होगी।
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