Karva chauth ka Anupam tauhar by Jitendra Kabir

 करवा चौथ का अनुपम त्यौहार

Karva chauth ka Anupam tauhar by Jitendra Kabir


जिन पति - पत्नी ने

बनाकर रखा है अपने मन में यह भ्रम 

कि उनके साथी ने

जवानी से लेकर बुढ़ापे तक उसके अलावा

और किसी का साथ कभी भी चाहा नहीं,


उत्तेजक कोई दृश्य अथवा चलचित्र देख

खुद को उन कलाकारों की जगह रखकर 

मन ही मन रस लेने का ख्याल भी 

जिनके मन मस्तिष्क में कभी घुस पाया नहीं,


तनाव के क्षण आए जब उनके रिश्ते में

तो गुस्से में आकर 

एक - दूसरे की गलतियों को गिना - गिनाकर

जिन लोगों ने राई का पहाड़ कभी भी बनाया नहीं,


ज्यादती की हो उनके साथी ने 

चाहे कितनी ही ज्यादा उनके ऊपर 

लेकिन बावजूद उसके एक पल के लिए

अपने साथी का अहित चाहने का ख्याल भी

जिन लोगों के मन में कभी भी आया नहीं,


हैं अगर ऐसे भी विरले लोग दुनिया में

तो उनके लिए शायद 

फलदायी सिद्ध हो सकता है सात जन्मों तक

बंधन पक्का करने का दावा करने वाला

करवा चौथ का यह अनुपम त्यौहार,

बाकियों के लिए तो है एक दूसरे के मन को

भरमाने के लिए 

हर साल खेला जाने वाला नाटक ही है

जिसका फायदा दुकानदारों के अलावा

और किसी ने आज तक कमाया भी नहीं।


जितेन्द्र 'कबीर'
                                    
साहित्यिक नाम - जितेन्द्र 'कबीर'
संप्रति - अध्यापक
पता - जितेन्द्र कुमार गांव नगोड़ी डाक घर साच तहसील व जिला चम्बा हिमाचल प्रदेश
संपर्क सूत्र - 7018558314

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