Masoom sawal by Anita Sharma
" मासूम सवाल"
भगवान जी के पास गये तो वापस क्यों नहीं आते?सब तो दिखते हैं पर पापा.....?
वही चंचल बच्चा एकाएक अंतर्मुखी हो गया....एकदम चुप ,अपने में खोया।बच्चों के साथ भी नहीं खेलता....स्कूल घर और एक नीले रंग की साइकिल !जिससे घर के आसपास एक चक्कर लगा आता।कभी-कभी चित्र बनाने बैठ जाता जो उसे अपने पापा से विरासत में मिला था।पर वह बेखबर था इस बात से।हाँ गाने को सुनने के बाद गाना उसे अच्छा लगता था धीरे धीरे वो बहुत अच्छा गाने लगा .....ये भी तो विरासत में मिला था ,उस बच्चे के पिता बहुत अच्छा गाते थे और बाँसुरी बजाने थे।एक-एक विरासत आत्मसात होती रही।धीरे-धीरे वो बच्चा बड़ा होने लगा और पढ़ाई में अव्वल साथ साथ अभिनय स्कूल कॉलेज के ड्रामा शो में।वहां भी डान्स गाने और साथ ही साथ कविता!अरे हाँ वो बहुत अच्छी अभिव्यक्ति के साथ कविता भी लिखने पढ़ने लगा जो सब विरासत में पापा से पाया था।
कैसे हस्तांतरित होते हैं संस्कार पिताजी से बच्चे में देखकर हदप्रद रह जाती।
एक और भावुकता का गुण भी पापा का आया।आज वो बच्चा एकदम पापा के समान दिखता है।एमफिल कर लेक्चरर है।नाम है राधाकृष्ण उर्फ सोनू।उसके प्यारे से दो बेटे हैं।बड़ा बेटा एकदम सोनू के जैसा ही पढ़ने में,संगीत खेल कूद,गाने भाषण में।दसवीं में अखबार में अव्वल आने पर नाम भी आ चुका है।
बहुत सलीके से जीवन जिया सोनू ने कभी भटका नहीं राह से।उसके आदर्श रहे उसके बड़े पापा।पापा के बड़े भाई।उन्होंने बहुत प्यार से संभाला अपने छोटे भाई के परिवार को।
आज सोनू का एक सपना पूरा हुआ.....तीन मंजिला बिल्डिंग बनाकर पापा के नाम "बद्री- धाम" रखा।
ऊपरी मंजिल पर अपना बहुत प्यारा घर बनाया है।
वही बच्चा आज बड़ा हो गया अपने सपनों को साकार किया।।