कोई हल तो होगा- जितेन्द्र ' कबीर '
कोई हल तो होगा
भुखमरी मिटाने के लाख दावों के बावजूदनाकाम रही हैं सरकारें अब तक
सब लोगों तक दो जून रोटी पहुंचाने में,
मुझे विश्वास है...
किसी भूख से पीड़ित के पास इस समस्या का
कोई कारगर हल जरूर होगा।
गंदगी हटाने के लाख दावों के बावजूद
नाकाम रही हैं सरकारें अब तक
साफ-सफाई की अच्छी व्यवस्था बनाने में,
मुझे विश्वास है...
किसी सफाई कर्मी के पास इस समस्या का
कोई कारगर हल जरूर होगा।
भ्रष्टाचार मिटाने के लाख दावों के बावजूद
नाकाम रही हैं सरकारें अब तक
ईमानदार व पारदर्शी कोई व्यवस्था बनाने में,
मुझे विश्वास है...
भ्रष्टाचार के किसी भुक्तभोगी के पास इसका
कोई कारगर हल जरूर होगा।
न्याय दिलाने के लाख दावों के बावजूद
नाकाम रही हैं सरकारें अब तक
अन्याय को उसके सही अंजाम तक पहुंचाने में,
मुझे विश्वास है...
अन्याय से त्रस्त किसी इंसान के पास इसका
कोई कारगर हल जरूर होगा।