मुर्दा कौन- R.S.meena Indian
कविता "मुर्दा कौन"
मुर्दा वो नहीं जिसे दिखता नहीं।
मुर्दा वो हैं जो देख पाता नहीं।।मुर्दा वो नहीं जो सुनता नहीं।
मुर्दा वो हैं जो शांति चाहता नहीं ।।
मुर्दा वो नहीं जो आंखे खोल सकता नहीं।
मुर्दा वो हैं जो प्रेम की भाषा बोल सकता नहीं ।।
मुर्दा वो नहीं जो कभी हिल डोल सकता नहीं ।
मुर्दा वो हैं जो स्वार्थ बिना ,बोल सकता नहीं ।।
मुर्दा वो नहीं जो अर्थी पे लेटा हुआ है।
मुर्दा वो है जो खामोश बैठा हुआ है ।।
मुर्दा वो भी नहीं जो सबकुछ बेच रहा है।
मुर्दा वो हैं जो नफ़रत की दीवार खेच रहा हैं ।।
ये पूछता "स्वरूप" हैं की असली मुर्दा कौन है।
वो जो अपनी सत्ता की खातिर बैठा हुआ मौन हैं ।।