सत्य है क्या?- जितेन्द्र 'कबीर'
December 03, 2021 ・0 comments ・Topic: poem
सत्य है क्या?
सत्य!जैसा सोचा किसी ने,
सत्य!
जैसा बोला किसी ने,
सत्य!
जैसा लिखा किसी ने,
सत्य!
जैसा पढ़ा किसी ने,
सत्य!
जैसा देखा और समझा किसी ने,
सत्य!
जैसा माना किसी ने,
सत्य!
जैसा खोजा किसी ने,
'अंतिम सत्य' नहीं हुआ
बहुधा,
क्योंकि उसमें घालमेल
होता गया
व्यक्ति विशेष के संस्कारों का,
परिस्थितियों का,
पूर्वाग्रहों का, शिक्षा-दीक्षा का,
पालन पोषण का,
आस-पास के माहौल का,
जरूरत और सहूलियत का भी।
Post a Comment
boltizindagi@gmail.com
If you can't commemt, try using Chrome instead.