पढ़े भारत अभियान

पढ़े भारत अभियान

पढ़े भारत अभियान
बच्चों को वास्तविक जीवन से जोड़ने, शिक्षा में रचनात्मकता, चिंतन, अभिव्यक्ति की क्षमता विकसित करना ज़रूरी

पढ़े भारत अभियान का डिज़ाईन पढ़ाई को मनोरंजक और वास्तविक जीवन से जोड़कर, पढ़ाई का आनंद जीवनभर बना रहे, इसपर आधारित सराहनीय है - एड किशन भावनानी

गोंदिया - भारत हर क्षेत्र में अति तीव्रता से आधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग कर विकास के रास्ते पर बढ़ रहा है और शीघ्र ही पूर्ण डिजिटल इंडिया बनकर वैश्विक रूप से अपनीं धमाकेदार उपस्थिति दर्ज करवाएगा!!! हालांकि अभी भी भारत की वैश्विक स्तरपर बहुत अधिक प्रतिष्ठा है परंतु जिस तीव्रता से भारत आगे बढ़ रहा है उससे हमें उम्मीद जग गई है कि हमारा देश वैश्विक लीडर का ताज़ शीघ्र ही पहनेगा!!! साथियों बात अगर हम शिक्षाक्षेत्र की करें तो नई शिक्षा नीति 2020 जब से लागू हुई है इसके दूरगामी सकारात्मक उच्चनिष्पादन का अति लाभदायक नतीज़ा हमें आने वाले वर्षों में देखने को मिलने का पूरा भरोसा है। क्योंकि जिसरणनीतिक रोडमैप के साथ इसे बनाया गया है, सफलता निश्चित है!!! साथियों बात अगर हम अभिभावकों, शिक्षकों और शिक्षा क्षेत्र से जुड़े बुद्धिजीवियों की करें तो मेरा मानना है कि सिर्फ नई शिक्षा नीति 2020 के ही भरोसे हम हमें नहीं चलना चाहिए बल्कि उससे भी दो कदम आगे व्यवहारिकता से, सहभागिता, सकारात्मक, उच्चसोच लेकर सहयोगात्मक स्वभाव के साथ हमें बच्चों को वास्तविक जीवन से जोड़ने, शिक्षा के साथ रचनात्मकता, चिंतन, अभिव्यक्ति की क्षमता को विकसित करना भी ज़रूरी है क्योंकि आज के डिजिटल युग में महामारी वातावरण से ग्रसित बच्चों को ऑनलाइन क्लास के भरोसे अधिक रहना पड़ रहा है और व्यवहारिकता में आना कम हुआ है। हालांकि अभी कुछ दिनों से स्कूल शुरू हुए हैं परंतु फिर ओमिक्रान वेरिएंट के बढ़ते दायरे से उपयुक्त कोविड व्यवहार के नियमों के पालन के चलते बच्चों ने 2 गज की दूरी जरूरी होने से उनके रचनात्मक विकास पर प्रभाव भी पड़ सकता है। इसलिए हमें उनकी इस कमी को पूरा करने के लिए उन्हें इस दिशा में भी सहयोगात्मक जागृति का विकास करना होगा और संकल्प लेना होगा कि हम अपने बच्चों को रोज़गार सृजनकर्ता ही बनाना है!!! साथियों बात अगर हम रोजगार सृजनकर्ता की करें तो हमारा आत्मनिर्भर भारत का यही मूल मंत्र है। साथियों हम वैश्विक रूप से देखें तो मूल भारतीयों का वैश्विक बड़ी-बड़ी कंपनियों पर उच्चपदस्थ होना भारतीय बौद्धिक क्षमता का वैश्विक स्तर पर लोहा कबूल होना है। क्योंकि आईबीएम, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट सहित सात कंपनियों की कमान मूल भारतीयों के हाथों में है और वह रोज़गार सुजनकर्ता बन गए हैं उसी तरह भारत में भी अब रोज़गार सृजनकर्ता बनने का ट्रेंड का चल पड़ा है जो आत्मनिर्भर भारत की सफलता की कुंजी है!!! आज हमें इस मंत्र से प्रेरणा लेकर एक सफ़ल रोज़गार सृजनकर्ता का मंत्र अपने बच्चों को देना है। इसलिए यह ज़रूरी है कि हम उनको प्ले क्लास से लेकर हर उस अनुरूप परिस्थितिक तंत्र अनुसार वास्तविक जीवन से जोड़ने रचनात्मकता और अभिव्यक्ति की क्षमता का विकास करना शुरू करें। साथियों बात अगर हम 1 जनवरी से 10 अप्रैल याने 14 सप्ताह तक चलने वाले,, पढ़े भारत अभियान,, की करें तो इसमें भी बच्चों को वास्तविक जीवन से जोड़ने,शिक्षा में रचनात्मकता चिंतन, अभिव्यक्ति की क्षमता विकसित करने सहित अनेक गुणों को 100 दिनों तक अभियान के तहत प्रेरित किया जाएगा।साथियों बात अगर हम दिनांक 31 दिसंबर 2021 को शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी पीआईबी की करें तो केंद्रीय शिक्षण कौशल विकास मंत्री ने कहा, बालवाटिका से आठवीं कक्षा तक के बच्चे इस अभियान का हिस्सा होंगे। पढ़ाई अभियान 1 जनवरी 2022 से शुरू होकर 10 अप्रैल 2022 तक 100 दिनों (14 सप्ताह) के लिए आयोजित किया हैं । पढ़ाई अभियान का उद्देश्य बच्चों, शिक्षकों, अभिभावकों, समुदाय, शैक्षिक प्रशासकों आदि सहित राष्ट्रीय तथा राज्य स्तर पर सभी हितधारकों की भागीदारी सुनिश्चित करना है। 100 दिनों का अभियान चौदह सप्ताह तक जारी रहेगा और प्रति समूह प्रति सप्ताह एक क्रियाकलाप को इस रूप में डिजाइन किया गया है ताकि पढ़ाई को मनोरंजक बनाया जा सके और पढ़ाई का आनंद आजीवन बना रहे। क्रियाकलापों का उम्र के अनुसार उपयुक्त साप्ताहिक कैलेंडर सहित पढ़ाई अभियान पर एक व्यापक दिशानिर्देश तैयार करके राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के साथ साझा किया गया है। शिक्षकों, माता-पिता, साथियों, भाई-बहनों या परिवार के अन्य सदस्यों की मदद से बच्चों द्वारा ऐसे क्रियाकलाप संपन्न किए जा सकते हैं। अभियान को प्रभावी बनाने के लिए, डिज़ाइन किए गए क्रियाकलापों को सरल और आनंददायक रखा गया है, ताकि इन्हें घर पर उपलब्ध सामग्रियों/संसाधनों के साथ तथा स्कूल बंद होने की स्थिति में माता-पिता, साथियों और भाई-बहनों की मदद से आसानी से पूरा किया जा सके। उन्होंने 1 जनवरी, 2022 को 100 दिवसीय पढ़ाईअभियान पढ़े भारत का शुभारंभ किया। 100 दिवसीय पढ़ाई अभियान छात्रों के सीखने के स्तर में सुधार लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है,क्योंकि यह रचनात्मकता महत्वपूर्ण चिंतन, शब्दावली के साथ-साथ मौखिक तथा लिखित दोनों तरह से अभिव्यक्ति की क्षमता विकसित करता है। यह बच्चों को उनके परिवेश एवं वास्तविक जीवन की स्थिति से जोड़ने में मदद करता है। अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि,, पढ़े भारत अभियान,, पर हमें गर्व है तथा बच्चों को वास्तविक जीवन से जोड़ने, शिक्षा में रचनात्मकता चिंतन, अभिव्यक्ति की क्षमता विकसित करना ज़रूरी है तथा पढ़े भारत अभियान का डिजाइन पढ़ाई को मनोरंजक और वास्तविक जीवन से जोड़कर पढ़ाई का आनंद जीवन भर बना रहे इस पर आधारित है जो सराहनीय है।

-संकलनकर्ता लेखक- कर विशेषज्ञ एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र

Next Post Previous Post
No Comment
Add Comment
comment url