थर्मल प्रबंधन

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सामान्य बसों, स्कूल बसों में अग्नि चेतावनी प्रणाली और अग्नि सुरक्षा प्रणाली के लिए अधिसूचना जारी

बसों में आग की घटनाओं से यात्रियों की सुरक्षा के लिए वाहन उद्योग मानक 135 में संशोधन सराहनीय- एड किशन भावनानी

गोंदिया - वैश्विक स्तरपर दुर्घटनाओं, रेल्वे और बसों में आगजनी की घटनाएं हम अनेक बार प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के हस्ते सुनते और कई बार अपने शहर में देखते भी हैं जिसे देखकर मन पसीज जाता है और ध्यान सुरक्षा स्तरों, मानकों, मानवीय गलती या किसी तकनीकी गड़बड़ी की ओर ध्यान अनायस ही चला जाता है और यह ठीक भी है क्योंकि हर नागरिक चाहेगा कि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हो।
साथियों बात अगर हम भारत की करें तो इस तरह की घटनाएं और बसों में आग हमने कई शहरों में देखे भी हैं और प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के हस्ते सुने और पढ़े भी हैं और आज के नए प्रौद्योगिकी भारत में तो हमारी चाहना है कि किसी भी प्रकार की दुर्घटना, अग्नि दुर्घटना से मुक्त भारत हो!! ऐसा होना भी चाहिए क्योंकि हम मां भारती की मिट्टी में जन्मे मानव हैं। हमें करुणा, दया विरासत में मिली है हम कभी नहीं चाहेंगे कि कहीं भी आगजनी या दुर्घटना हो।
साथियों बात अगर हम सड़क वाहन की करें तो इसके लिए केंद्रीय स्तरपर मोटर वाहन अधिनियम और नियम विनियम बने हुए हैं उसमें अनेक तरह की सुरक्षा के संबंधित नियम विनियम भी बने हैं। अनेकों मानकों को बनाया गया है ताकि किसी भी प्रकार की अनहोनी, दुर्घटना, मानवीयक्षति नुकसान से बचा जा सके इन मानकों का पालन उस संबंधित वाहन के निर्माण से लेकर उसके सड़क पर दौड़ने तक किया जाता है जो आम बात है।
साथियों बात अगर हम सामान्य बसों और स्कूल बसों की करें तो कई ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी है कि इनमें आग लगने की संभावनाएं बनी रहती है और उससे संबंधित उपायों और मानकों को कठोर करने, विस्तार करने की ज़रूरत महसूस की गई है, जिससे आने वाले समय में अगर इन सामान्य स्कूल बसों में आग लगती है तो उस पर तुरंत नियंत्रण कर उसे बचाया जा सके और होने वाली किसी भी प्रकार की क्षति को जीरो तक लाया जा सके।
इसके लिए अभी 27 जनवरी 2022 को वाहन उद्योग मानक- 135 में संशोधन कर दिया गया है तथा अधिसूचना केंद्रीय गजट में प्रकाशित कर दी गई है जिसमें कहा गया है कि फायर अलार्म तथा बैठक कंपार्टमेंट में प्रोटेक्शन सिस्टम ज़रूरी है जो केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम (प्रथम संशोधन) नियम 2022 के लागू होने के 12 माह के भीतर यह लागू माना जाएगा।
साथियों बात अगर हम इस नियम, संशोधन संबंधी दिनांक 27 जनवरी 2022 को भारतीय राज्य पत्र में प्रकाशित अधिसूचना और 29 जनवरी 2022 को जारी सड़क परिवहन राज्यमार्ग मंत्रालय की पीआईबी की करें तो उसके अनुसार, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने श्रेणी III बसों ['श्रेणी III' वाहन वे हैं, जिन्हें लंबी दूरी के यात्री परिवहन के लिए, बैठकर जाने वाले यात्रियों को ध्यान में रखकर डिज़ाइन और निर्मित किया जाता है] और स्कूल बसों के लिए 27 जनवरी, 2022 की अधिसूचना के अनुसार एआईएस (वाहन उद्योग मानक) -135 में संशोधन के माध्यम से बसों के यात्री (या बैठने वाले) कक्ष में अग्नि चेतावनी प्रणाली और अग्नि सुरक्षा प्रणाली की शुरुआत की है।
वर्तमान में, एआईएस-135 के तहत, इंजन कक्ष से लगने वाली आग के लिए आग का पता लगाने, चेतावनी देने और इसके शमन की प्रणाली को अधिसूचित किया जाता है। आग की घटनाओं के अध्ययन से पता चलता है कि यात्रियों को नुकसान मुख्य रूप से यात्री कक्ष में गर्मी और धुएं के कारण होता है।
यदि आग की घटनाओं के दौरान थर्मल प्रबंधन द्वारा यात्रियों की निकासी के लिए अतिरिक्त समय देकर यात्री कक्ष में गर्मी और धुएं को नियंत्रित किया जाए, तो इस नुकसान को रोका जा सकता है।बसों के लिए पानी की सूक्ष्म बूंदों पर आधारित सक्रिय अग्नि सुरक्षा प्रणाली और एक पृथक आग चेतावनी प्रणाली को यात्री डिब्बे में तापमान को 50 डिग्री सेंटीग्रेड से कम रखने का प्रबंधन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
अग्नि विस्फोटक और पर्यावरण सुरक्षा केंद्र (सीएफईईएस) एक डीआरडीओ प्रतिष्ठान है, जो अग्नि जोखिम मूल्यांकन, अग्नि शमन प्रौद्योगिकियों, मॉडल बनाने और अनुरूपता परीक्षण आदि के क्षेत्र में कार्यरत है। इस केंद्र के विशेषज्ञों और अन्य हितधारकों के परामर्श से मानक में यह संशोधन किया गया है।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि सामान्य बसों और स्कूल बसों में थर्मल प्रबंधन अत्यंत जरूरी है तथा सामान्य बसों स्कूल बसों में अग्नि चेतावनी प्रणाली और अग्नि सुरक्षा प्रणाली के लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है जिससे बसों में आग की घटनाओं से यात्रियों की सुरक्षा के लिए वाहन उद्योग मानक-135 में संशोधन सराहनीय कार्य है।

-संकलनकर्ता लेखक - कर विशेषज्ञ 
एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र

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