चुप्पी की कीमत- जितेन्द्र 'कबीर'
चुप्पी की कीमत
अगर तुम्हारा कोई पड़ोसीकुछ हथियारों और गुण्डों के बल पर
धावा बोल दे
तुम्हारे घर पर कब्जे के लिए,
तो तुम लड़ोगे उससे
अपने घर अथवा परिवार की रक्षा के लिए
या फिर स्वीकार कर लोगे
कायरता दिखाते हुए उसकी गुलामी?
लड़ने का तुम्हारा निर्णय
तुम्हें खड़ा करता है
अपनी मातृभूमि एवं परिवार
की रक्षा के लिए
प्राणों की आहुति देते
हर उस इंसान के साथ जिसके ऊपर
युद्ध थोप दिया गया है
जमीन और संसाधनों के लालच में
कोई न कोई बहाना बनाकर,
लेकिन अगर तुम ताकतवर के आगे
करते हो झुकने का निर्णय
तो थोप दोगे तुम गुलामी न केवल
खुद के ऊपर
बल्कि अपनी भावी पीढ़ियों पर भी,
दोनों में से कोई भी हो
तुम्हारा निर्णय
लेकिन एक बात याद रखना
किसी भी आक्रमणकारी के पक्ष में
हमारी चुप्पी
उसका हौसला ही बढ़ाती है
और उस चुप्पी की कीमत
इंसानियत अपने खून से चुकाती है।