पूरी दुनिया पर महंगाई बम फूटा!!!
पहले से डेरा जमाई महंगाई डायन को कच्चे तेल की तेज़ी से बढ़ती कीमतों का कुटिल साथ मिला! - जनता असहाय होकर देख रही!!
भारत को यूक्रेन-रूस युद्ध से इंधन से लेकर कृषि, दवाओं रक्षा, निर्माण सामग्री सहित अनेक क्षेत्रों पर इस जंग का असर देखने को मिल सकता है- एड किशन भावनानी
गोंदिया - वैश्विक स्तरपर सभी देश कोरोना महामारी के भयंकर प्रकोप से लड़ते हुए हर देश अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए वैक्सीन रूपी मिसाइल से सुरक्षा कर रहा था और विभिन्न रणनीतिक रोडमैप रूपी टैंकों से अपनी क्षतिग्रस्त, बिगड़ी अर्थव्यवस्था को चलाकर नए विज़न रूपी इंफ्रास्ट्रक्चर ढांचे से अपनी अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में लगे हुए थे कि पूरी दुनिया पर यूक्रेन-रूस युद्ध के कारण महंगाई का बम फूटा है!!! पहले से ही वैश्विक स्तर पर डेरा जमाई महंगाई डायन को युद्ध के कारण कच्चे तेल की तेजी से बढ़ती कीमतों का कुटिल साथ मिल गया है!!! जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तरपर जनता परेशान दिख रही है।
साथियों बात अगर हम भारत की करें तो बड़े बुजुर्गों की कहावत है के ताड़ से गिरा तो ख़जूर पर अटका!!! याने बड़ी मुश्किल से कोरोना महामारी से पिंड छुड़ाने की ओर अग्रसर हुए थे, क्योंकि 3 मार्च 2022 तक करीब 97 फ़ीसदी नागरिकों को पहली वैक्सीन की पहली डोज़ लग गई है जबकि फ़िर युद्ध से महंगाई डायन ने बम फोड़ा है!!! और अभी देखें ऊंट किस करवट बैठता है!!!अब तो गरीबों और मध्यम वर्गीय नागरिकों के लिए मुफ़लिसी में आटा गीला है!!! क्योंकि जनता पहले ही बेरोजगारी, महंगाई से परेशानी में थी, उसपर भी महंगाई डायन की ताकत डबल सी हो गई है।
साथियों बात अगर हम भारत में महंगाई की करें तो भारत करीब-करीब पूरे तैलीय वस्तुओ, ईडेबल आईल, के उपयोग में रूस और अन्य देशों पर निर्भर है। भारत की रूस पर निर्भरता की करें तो इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के अनुसार, कुल कारोबार की बात करें तो भारत और रूस के बीच चालू वित्त वर्ष करीब 9 अरब डॉलर से ज्यादा का कारोबार हो चुका है, जो पिछले साल 8 अरब डॉलर के आसपास था। भारत और रूस के बीच सबसे ज्यादा हथियार, पेट्रोलियम उत्पादों, फर्टिलाइजर, दालें, दवा और वाहन आदि का कारोबार प्रमुखता से होता है।
भारत ने 2020-21 में रूस से 8.5 अरब डॉलर का सामान आयात किया, जिमसें 4.5 अरब डॉलर का पेट्रोलियम और पेट्रोलियम उत्पाद शामिल हैं. इस जंग का असर भारतीय किसानों पर भी पड़ता दिखाई दे रहा है, क्योंकि फर्टिलाइजर के लिए भी भारत रूस पर निर्भर है. भारत फर्टिलाइजर्स की लॉन्ग-टर्म सप्लाई के लिए रूस के साथ बातचीत कर रहा है। 2020 में भारत ने रूस से 65 करोड़ डॉलर के फर्टिलाइजर्स का आयात किया था।
साथियों बात अगर हम भारत में महंगाई की करें तो कच्चे तेल की कीमत आज115 डॉलर प्रति बैरल के आसपास है जो 150 तक पहुंचने का अंदेशा विशेषज्ञों द्वारा लगाया गया है!! जिसके कारण पेट्रोल डीजल में बेतहाशा वृद्धि होने की पूरी गुंजाइश है परिणाम स्वरूप परिवहन लागत में वृद्धि होने से हर क्षेत्र के हर उत्पाद के रेट बढ़ना तय है याने पहले से डेरा जमाई महंगाई डायन को युद्ध रूपी भयानक खतरनाक दैत्य मिल गया है!!! जो जनता के लिए घातक है!!!
साथियों बात अगर हम महंगाई जानने के लिए ग्राउंड रिपोर्टिंग की करें तो मैंने बाजारों में तेलों व अन्य वस्तुओं के रेट चेक किए जो फॉर्चून सनफ्लावर पहले एक 15 लीटर का टीन 2100 रुपए में था अब वह 2750 बताया गया और अन्य खाद्य तेलों में भी करीब 30 फ़ीसदी से अधिक की वृद्धि पाई गई। युद्ध के कारण विदेश से आने वाले पॉम आयल के दाम में जहां वृद्धि हो गई है, वहीं अन्य खाद्यान्न तेल के दाम भी 30 फीसदी बढ़ गए हैं। दूध और कामर्शियल गैस के दाम में हुई वृद्धि से भी जनता को महंगाई की मार झेलनी पड़ रही है। डीजल के दाम बढ़ने के आसार हैं। चार हजार रुपये टन लोहा का दाम बढ़ने से हाहाकार मच गया है।
साथियों बात अगर हम क्रूड ऑयल की कीमत बढ़ने के भारत में असर की करें तो अभी भारत में पेट्रोल डीजल के रेट को नवंबर 2021 से स्थिर रखा गया है जो 10 मार्च के बाद कभी भी तेजी से बढ़ सकते हैं फिर भी ईडेबल ऑयल की कीमतों में 30 फ़ीसदी बढ़ोतरी समझ में नहीं आई शासन प्रशासन को पैनी नजर रखनी होगी क्योंकि अभी जमा पुराने स्टॉक पर ही बेतहाशा वृद्धि की गई है जो समझ से परे है परंतु जब पेट्रोल डीजलके रेट बेतहाशा बढ़ेंगे और तेलीय पदार्थ,एडिबल ऑयल की धीरेधीरे भारी किल्लत होती जाएगी तो रेट अपनेआप आसमान छूने लगेंगे जिसका स्वतः संज्ञान लेकर रणनीतिक रोडमैप सरकार को तैयार करने की जरूरत है।
साथियों बात अगर हम अंतरराष्ट्रीय स्तरपर महंगाई को बल मिलने की एक कड़ी की करें तो जिस तरह संयुक्त राष्ट्र जनरल असेंबली ने रूस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास किया, रूस पर संयुक्त राष्ट्र, नाटो, ईयू के जबरदस्त प्रतिबंध, बैंकों पर प्रतिबंध, रूसी राष्ट्रपति की निजी संपत्ति जब्ती प्रतिबंध, रूस जैसी बहुत बड़ी अर्थव्यवस्था से आयात निर्यात बंद होने पर वैश्विक स्तरपर भारी असर होगा,महंगाई और बढ़ेगी!!! उधर दिनांक 3 मार्च 2022 को देररात्रि क्वाड की मीटिंग में भारतीय पीएम ने कहा क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान हो, कूटनीति से मामला सुलझाया जाए,बातचीत पर जोर दिया जाए। इधर उसी दिन यूक्रेन-रूस की देर रात दूसरे दौर की बातचीत में नागरिकों को निकालने सुरक्षित कॉरिडोर देने पर सहमति बनी, सेफ कॉरिडोर बनाना, मानवीय मसले पर दोनों की सहमति, तीसरे दौर की बातचीत पर सहमति, अस्थाई युद्धविराम की संभावना को बल मिला!!! अब समस्या के समाधान की एक छोटी सी खिड़की खुली है!!! उम्मीद है संवाद के जरिए बातचीत का हल और समाधान निकलेगा और पूरा विश्व मिलकर फिर महंगाई डायन से मुकाबला कर उसे जड़ से निकाल कर उखाड़ फेंकेगा और संपूर्ण मानवता के लिए मानवीय अनुकूल स्थिति होंगी।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि पूरी दुनिया पर महंगाई बम फूटा है!!!पहले से डेरा जमाई महंगाई डायन को कच्चे तेल की तेजी से बढ़ती कीमतों का कुटिल साथ मिला है!!!जनता असहाय होकर देख रही है!!!भारत को यूक्रेन रूस युद्ध से इंधन से लेकर कृषि, दवाओं,रक्षा निर्माण सामग्री सहित अनेक क्षेत्रों पर इस जंग का असर देखने को मिल सकता है।
-संकलनकर्ता लेखक - कर विशेषज्ञ, स्तंभकार, एडवोकेट, किशन सनमुुख़दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
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